अमरावती

Published: Jul 16, 2020 11:30 PM IST

अमरावतीतिमंजिला इमारत ढही, 2 घायल-16 प्रतिष्ठान ध्वस्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. शहर के जयस्तंभ चौक परिसर स्थित दवा बाजार से सटा महात्मा गांधी निजी व्यापारी संकुल की 3 मंजिला इमारत के 16 प्रतिष्ठान गुरुवार की सुबह 3 बजे अचानक धराशाही हो गये. इस घटना में इमारत के बाहर ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मी जख्मी हुए है. शहर के व्यस्त इलाके में हुई इस घटना से खलबली मची हुई है. हालांकि यह हादसा रात में होने से सौभाग्य से जीवित हानि नहीं हुई है. 

65 वर्ष पूराना मार्केट
जयस्तंभ चौक का यह मार्केट 60 से 65 वर्ष पूराना है. इस मार्केट में तकरीबन 100 से 125 प्रतिष्ठान है, जिसमें से दवा मार्केट मार्ग के 16 प्रतिष्ठान जर्जर होने से धराशाही हो गये. गुरुवार की सुबह 3 बजे के आसपास मार्केट का एक तरफ का हिस्सा धराशाही हो गया. इमारत ढहने की जानकारी जैसे ही मनपा प्रशासन को मिली, तो मनपा के अधिकारियों के साथ व्यापारी भी 20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचे. मलबे के नीचे दबे कर्मचारी को ढाई घंटे की लंबी जद्दोजहद के बाद दमकल विभाग के अधिकारियों द्वारा बाहर निकाला गया. 

स्ट्रक्चरल आडिट भी नहीं, ना ही नोटिस
महानगरपालिका ने इसके पूर्व ही 30 वर्ष से अधिक वर्ष हुई इमारतों को स्ट्रक्चरल आडिट करने के आदेश जारी किये थे. जबकि 70 से अधिक वाली इमारतों को स्वयं अथवा मनपा को सूचित कर ढहाने का आह्वान किया, लेकिन मनपा के आह्वान पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. पार्षदों ने भी इस मार्केट के साथ अन्य मार्केट को भी नोटिस नहीं भेजे जाने पर प्रशासन से सवाल पूछा है. 

विधायक, महापौर ने किया निरीक्षण 
धराशाही हुए मार्केट का विधायक रवि राणा, महापौर चेतन गांवडे ने निरीक्षण किया. जबकि इस मार्केट के आस पड़ोस वाले व्यापारियों ने जल्द से जल्द अन्य इमारतों का स्ट्रक्चरल आडिट करने का आश्वासन प्रशासन को दिया. मौके पर सहायक आयुक्त नरेंद्र वानखडे, अभियंता सुहास चव्हाण के साथ दमकल अधीक्षक पंधरे के मार्गदर्शन में फायरमन उताणे, भगत राठोड, गौरव दंदे, गोविंद घुले, नितीन इंगोले, निलेश आजने, राजू शेंडे, आपातकालीन के विपूल कुरील, तौसीफ शुभम आदि ने पूर्ण की.  

4 परिवारों की 16 दूकानें 
इस मार्केट में कुल 16 प्रतिष्ठानों का नुकसान हुआ है. लेकिन यह प्रतिष्ठान एक ही परिवार के सदस्य के रहने से यह कहना भी गलत नहीं होगा कि बिल्डिंग गिरने से केवल 4 परिवार के सदस्यों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है, जिसमें परमानंद जाडोमल डिकोरी, अशोक जाडोमल डिकोरी की 2 प्रतिष्ठान है. तेजुमल चंदुमल सिरवानी की 2, रमेशलाल भागचंद पिंजानी 1, पोपरीबाइ ग्यानचंद पिंजानी की 3, श्याम अमृतलाल छाबलानी की 3, राजकुमार जयरामदास छाबलानी की 3 प्रतिष्ठान जमीनदोज हुए.