अमरावती

Published: May 14, 2021 10:35 PM IST

अमरावतीम्युकरमायकोसिस के 4 पेशंट रिकवर, 6 रोगियों पर इलाज शुरू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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अमरावती.  इन दिनो कोरोना से रिकवर हुए मरीज म्युकरमायकोसीस (ब्लैक फंगर्स) नामक गंभीर बिमारी की चपेट में आ रहे है. अब तक जिले में इस बिमारी से ग्रस्त कुल 11 मरीजों का पता चला है. जिनमें से 6 मरीजों पर सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में इलाज शुरू है. तो 4 मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. इन 4 मरीजों पर शल्यक्रिया कर उनके प्राण बचाने का काम डाक्टरों ने कर दिखाया है.

अब तक जिले में म्युकरमायकोसिस से मरने वालों का आकड़ा सरकारी रिकार्ड पर तो जिरो दर्ज है. लेकिन इस बिमारी के जो मरीज रिकार्ड पर ही नही है. ऐसे मरीजों की कोई जानकारी प्रशासन के पास नही है. उल्लेखनिय है की जिले में इस बिमारी सदृष्य स्थिती के चलते 4 से अधिक की मौत की जानकारी है. लेकिन उनका रिकार्ड ही नही रहने से संभ्रम कायम है. 

फफूंदजन्य रोग है 

म्यूकरमायकोसिस यह फफूंदजन्य रोग है. यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है. लेकिन जिनकी प्रतिकार शक्ति कम होती है,वे इस बीमारी की चपेट में आते है. जिन्हें डायबीटीज है या उपचार के दौरान स्टिराइड का इस्तेमाल अधिक किए जाने पर यह बीमारी होती है.  शरीर में खासकर नाक, आंख और मस्तिष्क में यह तेजी से फैलता है. इसलिए कम समय में यह बीमारी गंभीर हो जाती है. कई दिनों तक आक्सीजन और वेंटिलेटर पर रहे मरीजों को ठिक होने पर इस दृष्टि से जांच व लक्षणों को लेकर सजग रहने की आवशकता है. 

खतरनाक ब्लैक फंगस

इस बीमारी की शुरुआत नाक से होती है. जो कोविड मरीज़ इलाज ठिक हुए है, उनमें से कुछ को शुरू में सर्दी, उसके बाद नाक में सूजन,नाक धीरे-धीरे बंद होना, नाक से काला स्राव होना शुरू होकर वह संक्रमण आंखों से नाक की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से तेजी से फैलता है. जिससे आंख के पास का क्षेत्र सुन्न हो जाता है, आंख संकरी हो जाती है, सूज जाती है, आंख की गति कम हो जाती है और दृष्टि कम हो जाती है,और फिर पूरी तरह से चली जाती है. यह रोग फिर मस्तिष्क में फैल जाता है और मस्तिष्क को मार सकता है. यदि आंखें लक्षण दिखाती हैं, तो फंगस को सर्जरी द्वारा तुरंत हटाया जा सकता है. कभी-कभी जबड़े के संक्रमित हिस्से को आपरेशन से निकालना पड़ता है. 

इर्विन में स्वतंत्र वार्ड

म्युकरमायकोसिस के रोगियों पर उपचार के लिए जिला सामान्य अस्पताल में स्वतंत्र वार्ड खोला गया है. पालकमंत्री एड यशोमति ठाकुर के निर्देशानुसार जिला सामान्य अस्पताल में यह स्वतंत्र कक्ष शुरू करने की जानकारी जिला शल्य चिकित्सक डा. श्याम सुंदर निकम ने दी. म्युकरमायकोसीस के मरीजों पर अब महात्मा फुले जनस्वास्थ्य योजना से निशुल्क इलाज किया जा रहा है.