अमरावती

Published: Sep 22, 2020 10:32 PM IST

अमरावतीमराठाओं के नाम पर राजनिति न करें बीजेपी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. ठाकरे सरकार को बदनाम करने के लिए मराठा आरक्षण का लाभ उठाया जा रहा है. पश्चिम महाराष्ट्र व विदर्भ के नेताओं को फडणवीस सरकार के समय पद रहते हुए इस्तीफा देने की बात नहीं सुझी लेकिन अब जब विरोधी पार्टी में बैठे है तो उन्हें इस्तीफा देने की बात सुझ रही है. मराठाओं ने केवल आरक्षण के लिए मोर्चे नहीं निकाले. स्वामी नाथन की मांग भी शामिल थी. उस मांग का नाम भी पश्चिम महाराष्ट्र के नेता नहीं ले रहे है. मराठाओं के नाम पर बीजेपी राजनीति करने का काम कर रही है ऐसा आरोप लगाते हुए विदर्भ के मराठा इस आंदोलन को समर्थन नहीं करेंगे ऐसा ऐलान भी नितीन मोहोड ने किया. 

कहां गया स्मारक?

मोहोड ने कहा कि विदर्भ के अधिकांश मराठा कुणबी व ओबीसी प्रवर्ग में रहने से उन्हें पहले ही आरक्षण प्राप्त है. विदर्भ में किसानों को न्याय देने के लिए स्वामीनाथन आयोग की प्रमुख मांग की गई थी. लेकिन तक 90 प्रतिशत मराठा सडकों पर उतरने के बाद भी फडणवीस सरकार ने मराठाओं के आरक्षण का मुद्दा केवल राजनीति के लिए न्याय प्रविष्ठ होने दिया. मराठा मोर्चा भी फडणवीस सरकार की षडयंत्र होने का आरोप मोहोड ने किया. संभाजी भोसले, उदयन भोसले, शिवेंद्र भोसले, विनायक मेटे, पुरुषोत्तम खेडकर जैसे बडे बडे नेता केवल मराठाओं में आंदोलन की आग निर्माण कर रहे है. मेटे ने शिवस्मारक के नाम पर 5 वर्ष राज्यमंत्री पद का लाभ उठाया लेकिन कहां है स्मारक ? ऐसा सवाल कर कहा कि यह सभी नेता बीजेपी की कठपुतली है इसलिए इस आंदोलन को विदर्भ के मराठाओं का विरोध रहेगा. प्रेस में संजय शेटे, राहुल माटोडे, समीर जवंजाल, एड. राजेश देशमुख, दिलीप वर्हाडे आदि उपस्थित थे.