अमरावती

Published: Jun 20, 2020 07:57 PM IST

कोरोना की मार मूर्तिकारों पर कोरोना का विघ्न, घरेलू मूर्तियों पर ही रहना होगा निर्भर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. गणेशोत्सव के लिए मूर्तिकारों की तैयारियां 5-6 माह पहले ही आरंभ हो जाती है. लेकिन इस वर्ष मार्च माह से शुरू लॉकडाउन ने गणेश मूर्तिकारों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए मूर्तियां बनाये अथवा नहीं इस संदर्भ में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गाइडलाइन जारी नहीं होने से मूर्तिकारों पर कोरोना का विघ्न छाया हुआ है, जिसके चलते इस वर्ष राज्यभर के मूर्तिकारों को केवल घरेलू मूर्तियों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा.

महंगाई की मार
पहले ही संकट के दौर से गुजर रहे मूर्तिकारों की उम्मीदों पर कोरोना ने पानी फेर दिया है. कोरोना के मद्देनजर इस वर्ष सार्वजनिक गणेशोत्सव आयोजन की संभावना काफी कम है, जिससे विशाल मूर्तियां बनाई नहीं गई हैं. फिलहाल घरेलू मूर्तियों पर ही जोर दिया जा रहा है. लॉकडाउन में ट्रान्सपोर्ट बंद होने से मूर्तिकारों को मिट्टी, रंग आदि सामान काफी महंगे खरीदने पड़े है, जिसका असर निश्चित ही मूर्तियों पर होगा. इस वजह से मूर्तियों के दाम भी अधिक होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती. 

दुविधा में फंसे मूर्तिकार
कोरोना का साया मूर्तिकारों पर भी पड़ा है. तीन माह बाद भी पर्यावरण मंत्रालय ने मूर्तिकारों के लिए कोई सूचना जारी नहीं की है, जिससे बड़ी मूर्तियां बनाये अथवा नहीं यह प्रश्न है, जिससे सार्वजनिक गणेशोत्सव नहीं के बराबर होंगे-गणेश जोहरे, मूर्तिकार, बायपास रो

संकट का दौर 
लॉकडाउन में मिट्टी, कलर समेत अन्य साहित्य जुगाड़ने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. प्रतिष्ठान खुले नहीं रहने से, जो है वहीं खरीदना पड़ा क्योंकि मुंबई से ही ट्रान्सपोर्ट बंद था. -अविनाश रोतले, मूर्तिकार, बुधवारा