अमरावती

Published: Dec 29, 2020 09:37 PM IST

अमरावतीयात्रा भत्ता घोटाले से उपकुलसचिव क्लीन चीट, सीनेट ने स्वीकारी जांच समिति की रिपोर्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. यात्रा भत्ता घोटाला प्रकरण से महाविद्यालयीन विकास विभाग के उपकुलसचिव को क्लीन चीट मिली है. नया अधिकारी होने से विश्वविद्यालय कार्यपध्दति व यात्रा नियमावलि की पर्याप्त जानकारी नहीं होने से प्रबोधन की आवश्यकता होने का निष्कर्ष जांच समिति ने दिया है. डा. एफसी रघुवंशी की अध्यक्षता में समिति द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट सीनेट सभा ने मंगलवार को स्वीकारा. 

11 बैठकें लेकर जांच 

उपकुलसचिव ने 2 अक्टूबर 2017 से 26 अक्टूबर 2017 के दौरान कार्यालयीन दौरा करते समय निधि का मिस यूज किये जाने का आरोप हुआ था. इस मामले में सदस्य दिलीप कडू ने 27 नवंबर 2019 की सभा में यह प्रश्न उपस्थित किया था. जिसके बाद उपकुलपति ने डॉ. एफ.सी. रघुवंशी की अध्यक्षता में डॉ. आर.एम. कडू, प्राचार्य ए.बी. मराठे, श्याम राठी, प्र.वा. राठोड़ के समावेश वाली जांच समिति गठित की. समिति ने 11 बैठकें लेकर दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला.

विमान यात्रा पर आपत्ति

उपकुलसचिव की विमान यात्रा की टिकट व बिल को लेकर सदस्यों ने आपत्ति ली. सभा में हुई चर्चा के अनुसार डॉ. विवेक देशमुख, डॉ. संतोष ठाकरे, डॉ. पी. बी. रघुवंशी ने ‍उनका पक्ष सुन लिया. उनका पक्ष जान लेने के लिये उनका निवेदन भी स्वीकारा. विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मियों के वेतन मान्यता व बिंदू नामावलि के लिये उपकुलसचिव ने वरिष्ठों के मौखिक आदेश पर काम किया.

जो 24 अक्टूबर को समाप्त हुआ. जिसके अनुसार अधिकारी-कर्मियों के वेतन मान्यता का पत्र मंत्रालय से उपकुलसचिव ने प्राप्त कर विवि के सुपूर्द किया. वरिष्ठों के मौखिक आदेश व अनुमति को कार्यों के पहले मान्यता लेने में उपकुलसचिव को विलंब करने की प्रशासकीय खामी होने का निष्कर्ष जांच समिति ने निकाला है.