अमरावती

Published: Apr 01, 2021 11:29 PM IST

Dipali Chauhan Suicide Case पैसे देने के बाद भी नहीं हुआ दिपाली का तबादला, पति मोहिते का आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. आरएफओ दीपाली चव्हाण की मेलघाट में वर्ष 2014 से 2021 तक 7 वर्ष सेवा हुई थी. अब उसे मेलघाट के बाहर बदली होना था. हरिसाल से परतवाड़ा में तबादला करने के लिए दीपाली चव्हाण ने ‘संबंधितों को (बदली के लिए पैसे लेने वाले लोगों को) पैसे भी दिए थे. पैसे देकर भी बदली नहीं होने से मनोबल टूट गया था.

यह आरोप दीपाली के पति राजेश मोहिते ने लगाया है. पैसे देने के बाद भी बदली नहीं हुई यह बात अब छिपाने जैसी नहीं है. बदली न होने पर पैसे मांगे तो वापस लौटाए नहीं गए. दिपाली की शिकायत पर रेड्डी एक्शन लेते तो यह परिस्थिति नहीं आती. जंगल में कई गैरकानूनी काम चलते हैं. इन गैरकानूनी कामों को चलाने के लिए शिवकुमार रेड्डी का मुख्य हाथ था.

दीपाली को प्रोत्साहित करता था

दीपाली हमेशा सोचती थी कि कुछ अलग करना चाहिए. जंगल में किसी भी चुनौती का सामना करने में वह सक्षम थी. तीन गांवों के पुनर्वास के बाद कुल एक हजार परिवारों को बैंक खाते निकालना, सरकार से आयी निधि बगैर किसी चूक सभी के खाते में राशि जमा करवाने जैसे जोखिम के काम उसने किए थे. लेकिन, शिवकुमार अजीब थे.

हरिसाल गांव के पास आते ही, 10 मिनट में कर्मचारियों को संकुल पर मिलने के आदेश देते थे. ऐन वक्त पर सभी कर्मचारियों को रात 10 बजे और कभी-कभी 11 बजे फोन कर बुलाते थे. चूंकि दीपाली ईमानदार थी, इसलिए मैं उसे उसके काम के लिए प्रोत्साहित करता था, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा.

वाहन चालक खबरी

दीपाली का ड्राइवर हरिराम कासदेकर उपवनसंरक्षक विनोद शिवकुमारका खबरी था. हरिसाल के जंगल में, आदिवासी झील में मछलियां पकड़ते थे, हरिराम कासदेकर उनसे मुफ्त में मछलियां मांगता था. नहीं देने पर जंगल में मछलियों का शिकार हो रहा था और मैडम ध्यान नहीं दे रही थी, इस तरह की शिकायतें वह सीधे शिवकुमार से करता था.