अमरावती

Published: Sep 28, 2021 11:52 PM IST

Rain-Cropsबारिश से फिर फसलों पर आफत, लगातार पानी-पानी से बेजार हुए किसान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. कटाई पर पहुंची खरीफ की फसलें अत्याधिक बारिश की भेंट चढ़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रही है. मौसम सर्द हो गया है. सोयाबीन, तुअर, मूंग-उड़द व कपास के अलावा संतरा, पपीता व केला पर आफत की बारिश किसानों की आंखों में आंसू ला रही है. सोमवार की रात से मोर्शी-वरुड़ छोड़कर जिले के अधिकांश क्षेत्रों में झमाझम बारिश मंगलवार को भी जारी रही.

सुबह से सूर्यदर्शन तक नहीं हो पाए. जिसके कारण अधिकांश खेत-खलीहानों में फसलें पानी से लबालब हो जाने के कारण अब लागत खर्च भी निकलना मुश्किल नजर आ रहा है. जिले में जून से सितंबर तक औसतन 708.5 मिली मीटर बारिश का अनुमान था. जबकि प्रत्यक्ष में 27 सितंबर 2021 तक जिले में औसतन 862.0 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की जा चुकी है.  

चांदूर बाजार में मूंग, उड़द हाथ से निकली 

चांदूर बाजार शहर समेत पूरी तहसील में सोमवार को प्रातः 5 बजे से रिमझिम बारिश शुरू है. जिसके कारण सर्वाधिक मूंग, उड़द की फसल चौपट हो गई है. क्योंकि अत्याधिक बारिश से मूंग-उड़द की फसल खराब हो जाती है. इसी तरह सबसे पहले लगाई गई सोयाबीन की फसल कटाई पर पहुंच जाने के बाद पानी-पानी के चलते चौपट हो रही है. सोयाबीन को अंकुर फूट रहे है. तहसील में अब तक 796.02 मिली मीटर बारिश दर्ज हुई है. पिछले वर्ष अब तक 942.53 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई थी.

लगातार बारिश के कारण सोयाबीन की कटाई कब करें, यह प्रश्न किसानों के सामने उपस्थित हो गया है. इस नगद फसल के भरोसे ही दशहरा-दिवाली निर्भर होती है. तहसील में संतरा के अंबिया बहार को भी बारिश के कारण बड़ा नुकसान हो रहा है. इस समय संतरा बगीचों की खरीदी-बिक्री के व्यवहार शुरू हो जाते है, लेकिन  लगातार बारिश से इस प्रक्रिया में भी विघ्न पड़ रहा है.   

किसानों पर संकट 

लगातार बारिश से खेतों में सभी तरह के काम ठप पड़े है. मजदूरों को भी काम नहीं मिल रहा है. इसका सीधा असर तहसील के बाजार पर पड़ रहा है. खरीफ में फसल बारिश के कारण खतरे में पड़ गई है. बारिश से संतरा का अंबिया बहारके फल भी टपकने लगे है. -नरेश रेखाते, संतरा उत्पादक

चिखलदरा में तूफानी बरसात 

चिखलदरा में सोमवार की शाम से तूफानी बारिश शुरू है. मंगलवार को अंधड़ के साथ मूसलाधार बरसात से जनजीवन प्रभावित है. पर्यटन नगरी के साथ ही पूरे चिखलदरा तहसील में बारिश के कारण फसलों को नुकसान है. सोयाबीन पूरी तरह पानी में चला गया.  

अचलपुर-परतवाड़ा में रूक-रूककर बारिश

जुड़वा नगरी में सोमवार की रात से रूक-रूककर बारिश शुरू है. मंगलवार को भी यह सिलसिला चलता रहा. जिससे सबरे सूरज के भी दर्शन नहीं हुए. खेतों में काटने पर पहुंच चुकी फसलों का बारिश से नुकसान देखकर किसानों की चिंता फिर बढ़ गई हैं. 

तलेगांव में बारिश के साथ सर्द हवाएं  

तलेगांव दशासर में बारिश से कटाई की मुंह पर खड़ी सोयाबीन की अर्ली फसलों को भारी नुकसान पहुंचा दिया है. जिससे खड़ी फसलों को पुनः अंकुर फूटने की खबर है. वही इस लगातार बारिश से खेती की खरपतवार पूरी तरह प्रभावित हो गयी हैं. सोमवार से जारी यह तेज़ हवा,अंधड़ के साथ बारिश से जहां सभी ओर पानी पानी हो गया है.

ज़बरदस्त हवा से खेतों में खड़ी कपास की फसलों को भी नुकसान होकर बिनोले सहित फसल ज़मीन पर लुढ़क रही है. बिनोले सड़ने की भी बात सामने आ रही है. मंगलवार को सुबह से ही बारिश की तेज हवा के साथ आंखमिचौली जारी है. जिससे क्षेत्र व बाज़ारों में कर्फ्यू सा वातावरण देखने मिल रहा है तो वही रात से जारी हवा के साथ आर ही बारिश से मौसम में बदलाव आकर सर्दी का एहसास हो रहा है. 

संभाग में अब तक 2.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति

संभाग के पांचों जिलों में बारिश के कारण अब तक 2 लाख 48 हजार 116.12 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसलें चौपट हो गई है. 24 सितंबर 2021 को राज्य सरकार को संभागीय राजस्व कार्यालय से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार अकोला जिला में सर्वाधिक 1 लाख 22 हजार 899.72 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को क्षति पहुंची है.

अमरावती जिला-77,434.10, यवतमाल जिला-43,528.89, बुलडाना जिला-1574.72 और वाशिम जिला में 2678.69 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान दर्ज किया गया है. 

तहसील वार बारिश पर एक नजर मिली मीटर में

तहसील सोमवार की बारिश अब तक 

धारणी 16.1 1067.6

चिखलदरा 23.3 1395.5

अमरावती 19.9 782.8

भातकुली 18.8 699.3

नांदगांव खं 21.5 753.2

चांदुर रेलवे 15.9 710.4

तिवसा 17.2 664.6

मोर्शी 8.0 712.0

वरुड़ 0.2 782.5

दर्यापुर 23.9 607.4

अंजनगांव 25.4 594.0

अचलपुर 20.5 806.2

चांदुर बाजार 13.8 658.1

धामणगांव रे. 16.0 859.7

कुल 17.1 862.0