अमरावती
Published: Jan 28, 2024 12:48 AM ISTChakkajam In MorshiAmravati News: किसान आत्महत्या के बाद जागा प्रशासन, प्रकल्पग्रस्तों ने मोर्शी में किया चक्काजाम
अमरावती. मोर्शी स्थित अपर वर्धा बांध के प्रकल्पग्रस्तों द्वारा जारी आंदोलन के बीच एक पीड़ित ने अनशन पंडाल में ही आत्महत्या करने की के बाद प्रशासन की नींद खुली. देर शाम आंदोलनकारी व प्रशासन के बीच हुई चर्चा पश्चात मृतक के परिजनों को तत्काल करीब 50 हजार की तत्काल मदद राशि देने की घोषणा की गई. वहीं वर्धा के अतिरिक्त जिलाधिकारी ने प्रकल्पग्रस्तों की सभी मांगे सरकार को भेजकर उसको सुलझाने का प्रयास करेंगे. उसी तरह विशेष तौर पर मृतक के परिवार में से किसी एक को शासकीय नौकरी में समावेश किया जाए, इसका भी प्रयास किया जाएगा. इस आश्वासन पश्चात आंदोलनकारियों ने आंदोलन पीछे लिया.
दिव्यांग मृतक गोपाल बाजीराव दहीवले (48) की मौत के लिए शासन तथा प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार माना जा रहा है. गत 255 दिनों से जारी आंदोलन की प्रशासन द्वारा कोई दखल नहीं ली जा रही थी. कुछ माह पूर्व इन आंदोलनकारियों ने मंत्रालय के पहले मंजिल से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था. लेकिन समय रहते पुलिस ने बचा लिया. इसके पश्चात यह आंदोलनकारी हाल ही में मुंबई रवाना होनेवाले थे, तब जिला प्रशासन ने उन्हें जिलाधीश कार्यालय में लाकर बंधक बनाकर रखा था. इतना सबकुछ शासन के इशारे पर प्रशासन हलचल कर रहा था. लेकिन इनकी समस्या का समाधान करने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
विशेष इसको किसी भी जनप्रतिनिधि का सहयोग नहीं मिला. मोर्शी के विधायक ने भी आंदोलन को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप आंदोलनकारियों ने किया. इस योजना को सर्वाधिक लाभ अमरावती शहर व जिले के कुछ तहसीलों को मिला. लेकिन जिन किसानों की इसमें भूमि गई वह आज भी आर्थिक मोबदले हेतु आंदोलन कर रहे है. लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. आंदोलनकारियों ने मोर्शी में मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया था.
अपर वर्धा परियोजना को मूल रूप से 13 अक्टूबर 1965 में इस पूरे प्रकल्प हेतु 13.5 करोड़ की मान्यता दी गई थी. प्रकल्प को मान्यता मिलने के करीब 28 वर्षों पश्चात वर्ष 1993 में जिले के मोर्शी तहसील में सिंभोरा में यह परियोजना वर्धा नदी पर शुरू हुई. करीब 10 वर्ष पश्चात यह योजना वर्ष 2003 में पूरी हुई. इस परियोजना के जल से अमरावती जिले में 54077 हेक्टेयर व वर्धा जिले में 16092 हेक्टेयर सह कुल 70169 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जा रही है.
परियोजना के लिए अमरावती व वर्धा जिले के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई. इसमें 8324 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 3 हजार हेक्टेयर शासकीय भूमि सह कुल 11324 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है. उक्त जमीन करीब 2538 परिवारों से अधिग्रहित की गई थी. इन किसानों को तत्कालीन शासकीय नियमों के अनुसार 15 से 25 हजार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आर्थिक मुआवजा दिया गया था.