अमरावती

Published: Jan 22, 2024 02:48 AM IST

Cotton PriceAmravati News: कपास के दाम गिरने से किसानों पर संकट, 12 हजार रूपए क्विंटल दें गारंटीमूल्य

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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अमरावती. विदर्भ में आज भी कपास को नकदी फसल के रूप में उल्लेखित किया जाता है. हालांकि, इस साल कपास ने किसानों को मुसीबत में ला दिया है. खरीफ सीजन के दौरान कपास और सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है, इसलिए किसान मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं. इसके अलावा कपास, सोयाबीन और अरहर के किसानों के सामने जीवनयापन का सवाल खड़ा हो गया है, क्योंकि खेती की लागत जितनी ही फसल हाथ में आ रही है, वहीं कपास किसानों का लाखों क्विंटल कपास मामूली दाम पर खरीदकर किसानों की लूट की जा रही है. जिससे किसानों में निराशा फैल गई है और किसानों की दुर्दशा को रोकने के लिए किसानों ने सरकार से खाते में 2000 रुपये की सब्सिडी जमा करने का अनुरोध किया है.

कपास की फसल मुख्य और नकदी कमाने वाली फसल मानी जाती है. यही कारण है कि अमरावती जिले में हजारों हेक्टेयर में कपास की खेती की जाती है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह फसल सूखे, विभिन्न बीमारियों और कम कीमतों से प्रभावित हुई है. इसलिए, कपास की खेती अब किसानों के लिए मुश्किल बनती जा रही है. इस साल जिले में कई जगहों पर खेती को भारी नुकसान हुआ है. सरकार ने मदद की घोषणा तो की है, लेकिन कई लोगों तक यह मदद नहीं पहुंच पाई है. किसानों ने इस साल एक रुपये में प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया. जो किसान बीमा कंपनी से मदद की उम्मीद कर रहे थे उन्हें बीमा कंपनी ने सचमुच निराश किया.

कपास और सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट हो रही है. कपास को कम दाम मिलने से किसान निराश हो गए है. पिछले कुछ वर्षों से कपास की कीमत में वृद्धि नहीं हुई है, इसलिए किसान आर्थिक संकट में फंस गया है. किसान ‘अधिक लागत और कम दाम’ के दोहरे संकट में फंस गया है और इसके लिए सरकार की उदासीन नीति जिम्मेदार है. इसलिए सरकार की गलत नीति से किसान प्रभावित हो रहे हैं. जैसे-जैसे उत्पादन लागत बढ़ती है, गारंटीमूल्य कीमत केवल 150 से 200 रुपये तक बढ़ जाती है. हर साल 5 से 7 फीसदी तक महंगाई बढ़ रही है. उत्पादन में भी भारी कमी आ रही है. इस वजह से किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सरकार कपास की गारंटीमूल्य कीमत 12,000 रुपये कर हर जगह खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है.