अमरावती

Published: Feb 20, 2023 03:33 AM IST

Underground waterभूगर्भ के पानी का दोहन रोकना जरूरी, गर्मी आते ही सूखने लगे जल स्रोत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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बडनेरा (सं). पानी पर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी और आर्थिक विकास भी निर्भर है तथा जलाशयों की भंडारण क्षमता सीमित है. पानी की बढ़ती मांग के बीच दिनोंदिन बोरवेल खोदकर भूगर्भ के पानी का दोहन किया जा रहा है. घटते जलस्तर को बढ़ाने तथा पानी के उचित उपयोग के लिए जनजागृति की आवश्यकता है.

सरकार की ओर से भी घटते जलस्तर को बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक उपाय योजनाओं पर जोर दिया जा रहा है. जलस्तर बढ़ाने के लिए पौधारोपण, बांध, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए. हालांकि इन योजनाओं पर सरकार की ओर से प्रति वर्ष भारी खर्च होता है. यह योजनाएं भी जमीनी स्तर पर साकार नहीं होती हैं.  खर्च की अपेक्षा  फलश्रुति नगण्य रहती है.

400 फीट तक पानी नहीं

जल विशेषज्ञों के अनुसार जल संरक्षण के प्रयास या वर्षा जल संचयन के प्रयास स्थानीय स्तर पर होने चाहिए और स्थानीय प्रयासों के बिना जल संरक्षण के प्रयास व्यापक अभियान का रूप नहीं ले सकेंगे. फिलहाल गर्मी का मौसम शुरू हो रहा है. लेकिन बारिश के मौसम में गिरने वाले पानी के नियोजन को लेकर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. इसके लिए पहले ही व्यापक जनजागृति की जरूरत है. जमीन में पानी की कमी के चलते अनेक जगहों पर 300 से 400 फीट तक बोर खोदने के बावजूद पानी नहीं लग रहा है. 

वाटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान नहीं

नई प्लॉटिंग, सोसाइटी, निवासी बस्तियों का विस्तार हो रहा है और ऐसे स्थानों पर  पानी की  व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रत्येक सोसाइटी, निवासी बस्तियों में  बोरवेल खोदने पर जोर दिया जाता है. जिसके कारण जितने प्लॉट उतने बोरवेल हो रहे हैं लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान नहीं दिया जाता. इस तरह के समीकरण होने के कारण शहर व ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए जमीन की छलनी हो रही हैं. जमीन में पानी नहीं होने के कारण अनेक स्थानों पर 300 से 400 फुट तक बोरवेल खोदने के बावजूद पानी नहीं लगता.