अमरावती

Published: Sep 15, 2021 10:55 PM IST

OBC Reservationओबीसी आरक्षण के लिए आंदोलन, भाजपा का मविआ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

अमरावती. महाविकास आघाड़ी सरकार पर ओबीसी समुदाय के साथ विश्वासघात करने तथ स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को बर्बाद करने का आरोप लगाकर भाजपा ने बुधवार को जिले की प्रत्येक तहसीलस्तर पर आंदोलन किया. ओबीसी आरक्षण की मांग बुलंद की.

जबकि भाजपा पदाधिकारियों ने शहर में अलग-अलग 7 जगहों पर महाविकास आघाड़ी के खिलाफ प्रदर्शन किया. जिसमें इनमें अंबा मंडल, राजकमल चौक, जयस्तंभ चौक, स्वामी विवेकानंद मंडल, साइंसस्कोर चौक, गाडगेबाबा मंडल, विद्यापीठ मंडल, साईं नगर मंडल, कार्टन मार्केट, बडनेरा मंडल शामिल हैं.

कोर्ट पेश नहीं किया आवश्यक डेटा

भाजपा पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि महाविकास आघाड़ी सरकार की खामियों के कारण ओबीसी बंधुओं को अपना राजनीतिक आरक्षण खोना पड़ा. राज्य सरकार ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को लेकर अदालती लड़ाई भी नहीं लड़ने का आरोप लगाया है. कोर्ट ने ओबीसी का इंम्पेरिकल डेटा मांगा था, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इंम्पेरिकल डेटा उपलब्ध नहीं कराया है. 

केंद्र सरकार पर आरोप लगाना गलत

राज्य सरकार कह रही है कि इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश करने के लिए राज्य सरकार ऐसा कर रही है. राज्य सरकार की दोगली भूमिका से आज ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द किया है. इसीलिए भाजपा ने ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जिले में विभिन्न स्थानों पर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन आंदोलन कर किया है.

इस समय भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर के नेतृत्व में पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे, प्रा. रवींद्र खांडेकर, योगेश वानखडे, गंगा खारकर, अजय सारस्कर, तुषार वानखड़े, राजेश गोयनका, अतुल तिर्थकर, विवेक कलोती, प्रणीत सोनी, भारत चिखलकर, श्रद्धा गेहलोद, अमोल गाडगे, उन्नती शालिग्राम,निकेश उंबरकर, किरण देशपांडे, उज्वला ईंगोले, रश्मी नावंदर, अमोल थोरात, पवन अकोलकर, राजेंद्र मेटे, नुतन भुजाडे, निलेश शिरभाते, संदिप अंबाडकर, शाम साहु, साक्षी यादव, जयश्री डहाके, प्रकाश ढोपे सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे.

चुनाव से पहले दें ओबीसी आरक्षण

स्थानीय निकायों में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त हो गया है, इसलिए ऐसी स्थिति में यदि स्थानीय निकाय चुनाव होते हैं तो यह ओबीसी समुदाय के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा इसीलिए राज्य सरकार ने तत्काल इंम्पेरिकल डेटा कोर्ट में पेश करें. जिससे ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण बना रहेगा, अन्यथा भाजपा आक्रमक रुप लेकर बगैर ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने देगी ऐसा अल्टीमेटम भाजपा ने दिया.