अमरावती

Published: Jul 13, 2021 11:34 PM IST

अमरावतीम्यूचअल फंड: जिला बैंक में कमिशन खोरी प्रकरण, 700 नहीं 1500 करोड़ का निवेश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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अमरावती. किसानों की जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक से निप्पान नामक म्यूचअल फंड कंपनी में 700 करोड़ नहीं बल्कि 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया गया. इस तरह करोड़ों की कमिशन खोरी के तथ्य तहकीकात में सामने आए है. जिससे प्रकरण में और अधिक लोग आरोपी बनने की संभावना है

वर्ष 2017 से निवेश का सिलसिला

वर्ष 2017 से अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के माध्यम से निप्पान कंपनी में करोड़ों रुपए का निवेश म्यूचअल फंड के रूप में किया गया है. आरबीआई व नाबार्ड के नियमों का उल्लंघन कर निवेश किया. आरबीआय के नियमों के अनुसार बैंक अपने कुल लाभांश के 10 फीसदी रकम ही निवेश कर सकती है.

लेकिन बैंक ने करोड़ों का निवेश कर कुल लाभांश के 35 फीसदी से अधिक किया. इसके अलावा बैंक के म्यूचअल फंड में निवेश ब्रोकर के माध्यम से किया गया. जिससे ब्रोकर को 3 करोड़ 39 लाख 23 हजार 319 रुपए का कमिशन मिला. बैंक द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट आडिट में यह बात स्पष्ट होने पर नियुक्त तत्कालीन प्रशासक संदीप जाधव ने 15 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

करोड़ों का निवेश व विड्राल

करोड़ों का प्रकरण होने से आर्थिक अपराध शाखा को इस प्रकरण की जांच सौंपी. पुलिस ने जिला बैंक से निवेश से संबंधित कागजात व दस्तावेज अपनी कस्टडी में लिए. जिनकी जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि बैंक ने 3 वर्षों में सिर्फ 700 करोड़ निवेश नहीं की, बल्कि बैंक हर बार कैश निवेश व विड्राल करती आयी.

इस तरह से यह निवेश व विड्राल के ट्रान्सजेक्शन 1500 करोड़ तक पहुंचे. इस करोड़ों के निवेश से बैंक को लाभ ही मिला, लेकिन निवेश की रकम पर करोड़ों का कमिशन निप्पान कंपनी से ब्रोकर को मिला है. कमिशन की रकम कितनी है, और इस कमिशन में किस-किस को लाभ मिला, इस बारे में पुलिस जांच कर रही है. 

शाखा व्यवस्थापक की जमानत रद्द

कोर्ट ने निप्पान म्यूचअल कंपनी के शाखा मैनेजर अजितपाल सिंह मोंगा की जमानत अर्जी को रद्द कर दिया है. जिससे उनकी किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है. इससे पहले तत्कालीन सीइओ जयसिंग राठोड़ व कर्मचारी राजेंद्र कडू की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया है. जबकि राजेंद्र गांधी, नीता गांधी, पुरुषोत्तम रेड्डी तथा शिवकुमार गट्टानी को अदालत से जमानत मिली है. 

पुलिस कर रही जांच

प्राथमिक जांच में 700 करोड़ के निवेश पर 3.39 करोड़ का कमिशन ब्रोकर को मिला था. यह आरोप रिपोर्ट में लगाया गया, लेकिन 3 वर्षों में 1500 करोड़ के निवेश से संबंधित जानकारियां दस्तावेज व कागजातों की जांच के बाद सामने आ रही है. पुलिस इस दिशा में जांच कर रही है, -शिवाजी बचाटे, पीआइ, आर्थिक शाखा