अमरावती

Published: Sep 19, 2020 06:57 PM IST

अमरावतीसब्जी मंडी में ना मास्क, ना सोशल डिस्टसिंग, यह गैर जिम्मेदाराना आदते बनेगी जानलेवा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. चार माह पहले कोरोना के मरिज कम होने के बावजूद केवल भीड को देखते हुए जिला प्रशासन ने कृषि उपज मंडी का थोक मार्केट बंद करा दिया लेकिन अब जब कोरोना का संक्रमण बढता जा रहा है और कईयों ने जान गवां दी है तभी भी थोक सब्जी मंडी में गैर जिम्मेदारा हरकते हो रही है. शायद ही आदते जानलेवा भी बन सकती है. देर रात से शुरु होनेवाली सब्जी की ओर एपीएमसी प्रशासन भी अनदेखी कर रहा है. विशेष बात यह है कि यहां पर आनेवाला प्रत्येक व्यक्ती बगैर मास्क और सोशल डिस्टसिंग से कोसो दूर है.

प्रशासन को मिलेगा हजारों का जूर्माना
सब्जी मंडी में भीड न हो इसलिए जिला प्रशासन ने दशहरा मैदान व शेगांव नाका इन दो जगहों पर अस्थायी रुप से सब्जी मंडी की व्यवस्था कराई थी. यह भीड दो जगहों पर होने से सोशल डिस्टसिंग का पालन किया जाने लगा था. लेकिन जैसे ही शहर अनलाक होते हुए दिखाई दिया तो सब्जी मंडी भी अपने आप एक जगहों पर आ गयी. जिसके लिए प्रशासन को अलग से आदेश जारी करने की नौबत भी नहीं आयी.

इसलिए अब एक जगह से ही सब्जी मंडी का व्यवसाय किया जा रहा है. यहां पर अलग अलग जगहों से आनेवाले सब्जि विक्रेता समेत सभी व्यापारी ऐसे 75 प्रतिशत लोग बगैर मास्क के ही दिखाई देते है.मास्क नहीं लगानेवालों के खिलाफ कार्रवाई करना है तो एक ही दिन में सब्जी मंडी से हजारों रुपयों का जूर्माना प्राप्त हो सकता है.

सब्जी पर भी संक्रमण का खतरा
थोक सब्जी मंडी में कोरोना संक्रमण को रोकने के संदर्भ में किसी भी प्रकार की उपाययोजना नहीं होने से संकमण तेज रफ्तार से बढ रहा है. इतना ही नहीं तो अपने घर में आनेवाली सब्जी भी संक्रमित होने की संभावना है. जिसके चलते नागरिकों ने सब्जी खरीदते समय भी सर्तकता रखना जरुरी है.सब्जी की आड में कोरोना तो घर नहीं ले जा रहे.

गंभीरता बरतना जरुरी
शासन प्रशासन जनजागृति और लगातार संपर्क कर बता रहा है कि विभाग में अमरावती कोरोना मरिजों की संख्या में नंबर वन पर है. बावजूद इसके यदि जनता गंभीरता लेने के लिए तैयार नहीं है तो कोरोना के आंकडे और बढेंगे. प्रशासन के साथ हुई बैठक में भी बगैर मास्क के कोइ भी बाहर नहीं निकलेगा ऐसे आदेश दिये. जो बगैर मास्क का दिखाई देता है तो उसे 300 से 500 रुपये जूर्माना ठोंकने का निर्णय है. बावजूद इसके लोग नहीं मान रहे है यह दुखद बात है.- यशोमति ठाकुर, पालकमंत्री