अमरावती

Published: Sep 18, 2021 11:32 PM IST

Fraud30 लाख नहीं, 17 से 18 करोड़ दो, जिला बैंक के 700 करोड़़ मामले में ओडियो रिकार्डिंग वायरल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. म्यूचुअल फंड में 700 करोड़़ के इन्वेस्टमेंट में हमें 30 लाख नहीं पूरे 17 से 18 करोड़ चाहिए. हमको गधा समझ रखा है क्या. इस आशय के वार्तालाप वाली  ओडियो रिकार्डिंग शनिवार की देर शाम सोशल मीडिया पर वायरल होने से जिले की राजनीति में तहलका मच गया है.

अलग-अलग 5 ओडियो रिकार्डिंग में कोई जगताप और देशमुख म्युचुअल फंड कंपनी निप्पोन  के मैनेजर से जिला बैंक के 700 करोड़़ रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर सौदेबाजी करते साफ सुनाई दे रहे है. 4 अक्टूबर को जिला बैंक के चुनाव हो रहे है. इस बीच चुनाव मैदान में उतरे बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख और प्रा. उत्तरा जगताप को 700 करोड़ निवेश के मामले में शुक्रवार को ही ईडी का समन्स मिला है. उसके दूसरे ही दिन यह ओडियो रिकार्डिंग वायरल हुई है.

पहली रिकार्डिंग में निप्पोन कंपनी का मैनेजर किसी जगताप साहब को 700 करोड़ के इन्वेस्टमेंट में जीएसटी व टैक्स का हिसाब समझा रहख है. जबकि सामने से जवाब यह मिल रहा है कि हमे गधा समझ रखा है. तू 15-20 करोड़ रुपये कमाएगा और हमें 15-20 लाख थमा देगा. तू अपने आपको बहुत शार्प समझ रहा क्या. हम तेरे को बताते. वीरेंद्र जगताप क्या चीज है.

किसी को कैश दी, किसी को गिफ्ट

दूसरी ओडियो रिकार्डिंग में निप्पोन का मैनेजर जानकारी देते सुनाई दे रहा है कि 700 करोड़ के इन्वेस्टमेंट में किसी को कैश दी और किसी को गिफ्ट दिया. जगताप व देशमुख को 15-15 लाख देने की बात भी इस ओडियो में खुलकर सुनाई दे रही है. 25 जीएसटी और 18 लाख का टैक्स भरे जाने की जानकारी यह मैनेजर दोनों को देता सुनाई दे रहा है.

बंदरबांट का भंड़ाफोड़

ओडियो में दोनों हिसाब मांग रहे और मैनेजर एक-एक हिसाब-किताब बताता सुनाई दे रहा है. जिसमें वह बता रहा है कि 30 लाख आपको देने के बाद 15 लाख रुपये आपके आफिस में बांटने में खर्च किए. 5 लाख रुपए आईडीबीआई के एक बंदे को दिये. क्योंकि उसने पोलियो कराके दिया था. इस तरह 700 करोड़़ के निवेश में कमीशनखोरी प्रकरण भमें किस तरह की बंदरबांट हुई है. इसका भंड़ाफोड़ ओडियो में साफ सुनाई दे रहा है. दूसरे नंबर की ओडियो रिकार्डिंग में किसी परीक्षित के नाम का भी जिक्र मैनेजर कर रहा है.

किसको क्या दिया

तीसरे नंबर की रिकॉर्डिंग में मैनेजर से पूछा जा यहा है कि दामले, चांदुरकर और बबलूभाऊ के पीए को कुछ दिया क्या. विकास उईके को क्या दिया. चांदुरकर को पैसे दिए क्या. मैनेजर जवाब दे रहा है कि नहीं सर, नहीं दिए. प्रकाश कालबांडे की तरफ, प्रवीण काशीकर की तरफ? इस पर मैनेजर ने उत्तर दिया कि नहीं सर, मैं तो काशीकर को पहचानता ही नहीं. कभी मिला भी नहीं. इस वार्तालाप में कडू, जोशी व शर्मा के नाम का भी उल्लेख है. इन्वेस्टमेंट डायरेक्ट किये जाने का भी उल्लेख इस वार्तालाप में साफ सुनाई दे रहा है. 

चौथी ओडियो रिकार्डिंग में निप्पोन मैनेजर ने कहा कि नहीं सर डायरेक्टर सिर्फ जानकारी मुझसे लिया करते थे. जिसमें कितना पोर्टफोलियो है, कितना रिटर्न आएगा, मुझसे लेते थे. किसी देशमुख ने सवाल किया यह कौन पूछता था, तो उन्होंने जवाब में कहा कालबांडे सर और एक अधिकारी का हुलिया बताया, जिसे संजय मार्डीकर होने की बात वीडियों कही गई है.

पांचवी ओडियो रिकार्डिंग में निप्पोन कंपनी के किसी रजत नामक व्यक्ति ने किसी देशमुख को फोन कर बताया कि चांदुरकर अधिकारी के बोलने पर कुछ दस्तावेज मेल किए है, यह मिले है या नहीं इस बारे में पूछना था. इसके अलावा 150 करोड़ के कुछ रिडेमशन के बारे में पूछकर वह रुकवाने की दरख्वात की गई. किसी देशमुख ने कहा कि मैं सब करवा देता हुं. मनी वाला इंशु होने के बाद होगा.