अमरावती

Published: Dec 18, 2020 10:15 PM IST

अमरावतीशौचालय घोटाले में नपेंगे अधिकारी, तो मनपा के सामने ही डालेंगे पंड़ाल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. महानगरपालिका की आमसभा शुरू होते ही शौचालय घोटाले को लेकर सदस्यों ने जमकर हंगामा मचाया. प्राथमिक रिपोर्ट पेश करने में 6 माह की समयावधि लगने के बाद भी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने से सदस्यों ने प्रशासन को शाब्दिक रुप से घेराव किया. इतना ही नहीं तो इस घोटाले के कारण मनपा की प्रतिमा मलिन होने का आरोप लगाते हुए प्राथमिक रिपोर्ट में अधिकारी ही दोषी होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ऐसा सवाल उठाए. इतना ही नहीं तो विलास इंगोले ने मनपा के सामने ही सहयोगियों के साथ पंड़ाल डालकर अनशन करने की चेतावनी दी. 

महापौर साहब, सिस्टम ही बिघड़ गई

विलास इंगोले ने कहा कि 2 करोड़ 67 लाख का घोटाला करने के बावजूद एक भी अधिकारी ने हस्ताक्षर अनावधान से होने की बात नहीं कबूली. सभी हस्ताक्षर से इंकार कर रहें है. जबकि आरोपियों ने पुलिस को दिए जबाव में अधिकारियों द्वारा ही यह घोटाला किए जाने की बात बताई है. शासन द्वारा भेजे गए अधिकारी यहां आकर घोटाला करेंगे तो हम भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

घोटाले करने की बजाए यदि मनपा की आय बढ़ाने पर जोर दिया होता तो निश्चित ही आज रिअसमेंट हुआ होता, नये नोकरी भरती की अनुमति मिलती, किंतु अब अधिकारियों का ही अधिकारियों पर भरोसा नहीं रहने से कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है. 6 माह बाद प्राथमिक रिपोर्ट पेश की तो अंतिम रिपोर्ट 2 वर्ष बाद पेश करेंगे क्या? मनपा को सही में कार्रवाई करनी है या नहीं? ऐसा सवाल कर महापौर साहब मनपा की पूरी सिस्टम ही बिघड़ गई ऐसा आरोप भी उन्होंने लगाया. 

किसी को बक्शा नहीं जाएगा

इस विषय को लेकर चेतन पवार, प्रकाश बनसोड, बबलू शेखावत, तुषार भारतीय, मिलिंद चिमोटे, प्रशांत डवरे ने प्रशासन को घेरा. सदस्यों ने आरोप लगाया कि यह घोटाला तत्कालीन उपायुक्त सोमनाथ शेटे के कार्यकाल में हुआ है. लाभार्थियों के अकाउंट में अनुदान डालने की योजना थी, लेकिन किसी लाभार्थी की बजाए संस्था के नाम से धनादेश कैसे जारी किए इस पर भी किसी अधिकारी ने आपत्ती क्यों नहीं उठायी? ऐसा सवाल किया. जिस पर निगमायुक्त प्रशांत रोड़े ने इस विषय में किसी भी अधिकारी को नहीं बक्शने का आश्वासन दिया. सदस्यों ने जो सूचना रखी है उसका पालन कर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के साथ आर्थिक व्यवहार की संपूर्ण जानकारी तथा विस्तृति रिपोर्ट अगली आमसभा में रखने के आदेश दिए. 

रेडीरेकनर से हो मार्केट की किराया वसूली 

महानगरपालिका को नगरविकास विभाग से प्राप्त पत्र को सभागृह में अवलोकनार्थ रखा गया. जिसके अनुसार प्रियदर्शनी मार्केट के साथ सभी मार्केट का किराया रेडीरेकनर या फिर बाजार मूल्य के अनुसार लगाया जाए. जिस पर सभी पदाधिकारियों ने मनपा की आय बढ़ाने के लिए रेडीरेकनर के अनुसार ही किराया वसूलने पर जोर दिया. प्रकाश बनसोड़ ने बताया कि बड़नेरा का महात्मा गांधी मार्केट रेडीरेकनर के अनुसार किराया देते है तो शहर के मार्केट को क्या मुश्किल होगी.

थर्ड पार्टी एग्रीमेंट होने के बावजूद उन मार्केट पर मनपा का ताबा क्यों नहीं है इस पर भी उन्होंने आपत्ती दर्ज की. उनके साथ इस विषय पर तुषार भारतीय, चेतन पवार, बबलू शेखावत, मिलिंद चिमोटे, प्रशांत वानखड़े, प्रशांत डवरे आदि ने मार्केट का किराया रेडीरेकनर से ही वसूलने पर जोर दिया. जिसके पश्चात सभापति चेतन गांवड़े ने इस विषय पर समिति ही निर्णय लेगी ऐसे आदेश दिए. जिसके चलते अब मार्केट के किराया वसूली की गेंद समिति की पाले में होगी. 

उपायुक्त की नियुक्ति से भाजप-एमआइएम पार्षद में विवाद

मनपा में उपायुक्त पद की नियुक्ति को लेकर भाजपा व एमआइएम के पार्षदों में ही जमकर तू तू मैं मैं हुई. राज्य सरकार ने महापौर को अपना अभिवेदन प्रस्तुत करने मनपा आयुक्त के माध्यम से निर्देश जारी किये लेकिन यह पत्र महापौर के पास आज प्रस्तुत किया. आमसभा में यह पत्र जानबुझकर समय पर दिए जाने का आरोप सत्ताधारियों ने लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया. लेकिन इस दौरान एमआइएम पार्षद अब्दुल नाजीम ने यह मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं होने से विकास कामों पर चर्चा करने की मांग की. जिससे सदस्यों में शाब्दिक बहस होने से एमआइएम और भाजपा ही आमने सामने आ गयी.