अमरावती

Published: Oct 12, 2021 10:39 PM IST

Developmentयाचिकाः शासन से दलदल युक्त शिवार घोषित क्षेत्र है तालाब, छत्री तालाब सौंदर्यीकरण NGT की कोर्ट में

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. पोहरा वनक्षेत्र अंतर्गत छत्री तालाब परिसर में हुए सौदर्यीकरण,सीमेंटीकरण पर पोहरा जंगल बचाव समिति ने कड़ी आपत्ति दर्ज कर राष्ट्रीय हरित लवादा (नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की कोर्ट में याचिका दायर की है. पोहरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले छत्री तालाब को सरकार ने दलदल युक्त शिवार घोषित कर रखा है. ऐसे में इस परिक्षेत्र में किसी भी प्रकार का सीमेंटीकरण या विकास कार्य करने अथवा कराने पर सरकारी बैन लगा है.

लेकिन फिर भी बड़े पैमाने पर सीमेंटीकरण किया जा रहा है. पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर वन्यजीव अधिवास,वनक्षेत्र को हानि पहुंचाने का काम शुरू है. जिस पर सभी संबंधित विभाग भी जानबूझकर अनदेखी कर रहे रहे है. यह आरोप पोहरा जंगल बचाव समिति ने राष्ट्रीय हरित लवादा के कोर्ट में दायर याचिका में लगाया है. मनपा को भी इस मामले में जवाब देते नहीं बन रहा है. 

मनपा के जवाब के खिलाफ एफिडेविट

राष्ट्रीय हरित लवादा में दायर इस मामले पर कोर्ट ने गंभीरता देखते हुए मनपा से जवाब मांगा. मनपा ने अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हुए जो कुछ विकास कार्य किए गए है. वह तालाब से बाहर किए गए जाने का जवाब एनजीटी के समक्ष पेश किया, लेकिन पोहरा जंगल बचाव समिति ने महानगर पालिका द्वारा दायर जवाब के खिलाफ 21 सितम्बर 2021 को एफिडेविट दायर कर दलदल युक्त शिवार घोषित क्षेत्र में ही सीमेंटिकरण किए जाने व यहां बनाया गया वाक रैम्प की कुछ सीढियां भी तालाब के पानी में डूबी रहने के सबूत तस्वीरों के साथ राष्ट्रीय हरित लवादा को पेश किए. जिससे अब इस मामले में संबंधितों पर कार्रवाई की कड़ी गाज गिरना तय माना जा रहा है. अब सबकी नजरें इस मामले की अगली सुनवाई पर टिकी है. 

… तो कैसे कायम रहेंगी वाटर लेवल 

पोहरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत छत्री तालाब परिसर को शासन ने पहले से दलदल युक्त शिवार घोषित कर रखा है. ऐसे में संबंधित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण गैरकानूनी है. क्योंकि दलदल युक्त शिवार घोषित क्षेत्र में सीमेंटिकरण किए जाने से जमीन में पानी का रिसाव ही बंद हो जाएगा. क्षेत्र में लोगों की भीड़ बढ़ने से वन्य जीव अधिवास पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे है. ऐसे में वन्य जीव विवश होकर शहर की ओर दौड़ लगाएंगे. जिससे खतरा बढ़ेगा.-निलेश कंचनपुरे, पोहरा जंगल बचाव समिति