अमरावती

Published: Nov 08, 2022 12:18 AM IST

Gharkulयोजना: चांदूर रेलवे नगर परिषद में 215 में से मात्र 13 घर ही हुए टैग, जियो टैगिंग के अभाव में लटकी घरकुल निधि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चांदूर रेलवे (सं). प्रधानमंत्री घरकुल आवास योजना में चांदूर रेलवे नगर परिषद ने चौंकाने वाली जानकारी दी है. शहर के 215 घरकुलों में से सिर्फ 13 की ही जियो-टैगिंग हुई है. जियो-टैगिंग के अभाव में शेष घरकुलों को राशि नहीं मिली है. यह भी पता चला है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की गैरजिम्मेदारी के कारण लाभार्थियों को इतने लंबे समय से राशि नहीं मिली है.

गवली ने लिखा था पत्र

पूर्व नगरसेवक नितिन गवली ने मुंबई में म्हाडा की प्रधानमंत्री घरकुल आवास योजना के प्रकोष्ठ-2 के कार्यपालक अभियंता से चांदूर रेलवे नगर परिषद के अंतर्गत स्वीकृत घरकुलों के संबंध में पत्र लिखा.  इसके बाद इस विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई. इसके अनुसार पहले चरण में चांदूर रेलवे टाउन में 215 घरकुल स्वीकृत किए गए हैं और राज्य सरकार को कुल 2 करोड़ 15 मिले हैं. जबकि केंद्र सरकार के कोष से 1 करोड़ 29 लाख की पहली किस्त मिल चुकी है.  केंद्र सरकार की निधि की दूसरी किश्त प्राप्त करने के लिए आवास निर्माण की वर्तमान स्थिति की जियोटैगिंग अनिवार्य है. लेकिन चांदूर रेलवे कस्बे में नगर परिषद द्वारा 215 घरों में से केवल 13 को ही जियो-टैग किया गया है.

कर्मचारियों की उपेक्षा

इस पत्र व्यवहार से पता चलता है कि घरकुल का फंड जियो टैगिंग के अभाव में अटका हुआ है. हितग्राहियों का आरोप है कि शेष धनराशि के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए स्थानीय नगर परिषद के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की उपेक्षा के कारण लाभार्थियों को धन से वंचित रहना पड़ रहा है.

निधि ना मिलने का एकमात्र कारण जियो-टैगिंग नहीं – मुख्य अधिकारी

यह कार्य तकनीकी कठिनाइयों के कारण अपूर्ण था.  लेकिन अब एमआईएस और जियो टैगिंग का काम पूरा हो रहा है. लेकिन जियो टैगिंग की प्रक्रिया भले ही हो चुकी हो, लेकिन कई नगर परिषदों का घरकुल फंड नहीं मिल रहा है, हालांकि जियो टैगिंग इसका एक हिस्सा है ताकि बाकी का फंड मिल सके. केंद्रीय निधि अभी भी प्राप्त नहीं हुआ है.