अमरावती

Published: Mar 18, 2021 10:32 PM IST

अमरावतीरक्त का शार्टेज, परिजनों की भागमभाग, मरिजों की जान पर बनी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. इन दिनों शहर खून की कील्लत से जूझ रहा है. सरकारी तथा निजी अस्पतालों की ब्लड बैंक में भी पर्याप्त खून उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते इमर्जेंसी मरीज समेत अन्य मरीजों की जान पर बन आयी है. वहीं मरीजों के परिजनों को खून की एक एक थैली के लिए भागमभाग करना पड रहा है. जिला स्वास्थ्य प्रशासन भी इस समस्या से अवगत है. जिसके चलते उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित करने का आह्वान किया है.

कोरोना के कारण शार्टेज

विगत पूरा एक वर्ष कोरोना महामारी की भेंट चढ गया. इसमें अधिकतर समय लाकडाउन ही रहा. जिसके चलते नियमीत होनेवाले रक्तदान शिविर भी आयोजित नहीं किए जा सके. इसी के चलते रक्त की किल्लत महसूस हो रही है. हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री, सरकार व प्रशासन के आह्वान पर बिते कुछ माह से शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन यह नाकाफी लग रहा है. 

निजी ब्लड बैंक की अमानवीयता

ऐसी बिकट स्थिति में निजी ब्लड बैंकों की अमानवीयता भी देखने मिल रही है. रक्त उपलब्ध होते हुए भी वे मरीजों को सहयोग नहीं कर रहे है. बुधवार की शाम सावदेकर अस्पताल में ब्रेन हैमरेज का मरीज भर्ती हुआ. इमर्जेंसी स्थिति में उसके आपरेशन की तैयारी की जा रही थी, जिसके लिए खून की आवश्यकता थी.

राजकमल चौक स्थित एक निजी ब्लड बैंक में उपलब्धता के बावजूद डोनर के बगैर रक्त नहीं दिया गया. काफी देर बाद डोनर मिलने पर रक्त दिया गया. इस अमानवीयता के चलते मरीज की जांन भी जा सकती थी. हालांकि निजी ब्लड बैंक द्वारा अधिक पैसे वसूलने समेत अन्य अनेक शिकायतें आए दिन सुनने मिलती है. लेकिन इन पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. 

रक्तदान शिविर आयोजित करें

मरीजों के इलाज में स्वास्थ्य यंत्रणा को रक्त की किल्लत महसूस हो रही है. जिसके चलते सामाजिक संस्थाओं ने रक्तदान शिविर आयोजित करने आगे आना चाहिए.- डा.श्यामसुंदर निकम, सीएस