अमरावती

Published: Dec 15, 2020 09:49 PM IST

निर्णयचुनाव के बाद सरपंच पद का आरक्षण, कई ग्राम नेताओं के सपने अधर में

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. ग्राम पंचाययत चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने मंगलवार को लिए एक फैसले में मार्च में घोषित सरपंच के पद का आरक्षण रद्द कर दिया है. अब यह आरक्षण चुनाव के बाद जनवरी में निकाला जाएगा. सरकार के इस निर्णय से भी ठंड में राजनीति गरमा गई है. इस फैसले के कारण गांव में सरपंच पद के आरक्षण पर नज़र रख सरपंच बनने का सपना देख रहे कई गांव नेजाओं का सपना अधर में लटक गया है. 

फर्जीवाडे पर लगेगा अंकुश

इससे पहले ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया के तहत, अमरावती जिले समेत राज्य के 8 जिलों में सरपंच पद के लिए आरक्षण की घोषणा की गई थी. अब तक राज्य में ग्राम पंचायत चुनावों से पहले, सरपंच पद आरक्षण की घोषणा की जाती थी. जिसमें नेताओं की खरीद फरोख्त, फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के मामले सामने आते थे. इस वजह से यह निर्णय लिए जाने की संभावना है. इस निर्णय का असर जिले की 553 ग्राम पंचायत की राजनीति पर भी पडेगा. अब यह आरक्षण जनवरी में घोषित होने से इच्छुक नए सीरे से चुनावी रणनीति में जुट गए है.  

बदलेंगे समीकरण

इससे पहले, कई लोग सरपंच पद के लिए आरक्षण पर नज़र रख चुनाव लड़ने के लिए जातिवार आधार पर पैनल के सदस्यों का चयन करते थे. भाजपा सरकार के दौरान सीधे जनता में से सरपंच देने का फैसला लिए जाने से आरक्षीत स्थान पर उस प्रवर्ग का ग्राम नेता सीधे सरपंच पद के लिए आवेदन कर भाग्य आजमाता था. लेकिन महाविकास आघाडी सरकार ने लोगों से सीधे सरपंच चुने जाने के फैसले को रद्द किए जाने से सदस्य सरपंच का चुनाव करेंगे. अब इस नए फैसले से गांव नेताओं को सरपंच पद पाने के लिए विपक्ष के साथ भी समझौता किए जाने की संभावना बढेगी. 

दस्तावेजों के लिए भागदौड़

राज्य में 14 हजार 234 ग्राम पंचायतों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई है. मतदान 15 जनवरी को होगा, जबकि मतगणना 18 जनवरी को होगी. उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू होंगी. आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार जाति वैधता प्रमाणपत्र या गारंटी पत्र निर्धारित अवधि के भीतर जमा करने के लिए भागदौड़ में जुटा है. नामांकनों की जांच 31 दिसंबर को की जाएगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 जनवरी है. अपना नामांकन रद्द ना हो इसलिए इच्छुक उम्मीदवार दस्तावेज इकठ्ठा करने पटवारी और तहसील कार्यालयों में चक्कर काट रहे है.