अमरावती

Published: May 27, 2021 10:59 PM IST

अमरावतीधोदरा गांव में भीषण जल संकट, आधा गांव नदी के भरोसे, गांव के बाहर एक ही हैंडपंप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

धारणी. प्रतिवर्ष जलापूर्ति योजना के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके मेलघाट के गांव वासियों को पेयजल के लिए 1 से 2 किलो मीटर तक पैदल चलना पड़ता है. धारणी पंचायत समिति अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत के धोदरा गांव में भीषण जल किल्लत निर्माण हुई है. गांव के बाहर एक हैंडपंप है. जिसके चलते अधिकांश गांव वासियों को आधा किलो मीटर दूर नदी के भरोसे रहना पड़ता है, लेकिन ग्रीष्म काल के दौरान यह नदी भी पूरी तरह से सूख जाने से खेत के कुएं से पानी लाने के लिए मजबूर है.

प्रशासन नहीं ले रहा सुध

इस संदर्भ में ग्राम वासियों ने बताया कि कई बार प्रशासन को पेयजल की किल्लत को लेकर शिकायत की. धोदरा गांव में एक बार भी प्रशासकीय अधिकारियों ने दखल नहीं ली. एसडी सर्वेक्षण के बगैर यहां बोर करने से पानी नहीं लगा.हजारों रुपये व्यर्थ खर्च हुए. आखिरकार प्रशासन गांव को जल मुक्त अवस्था में छोड़कर गायब हो गया. गांव में महिलाएं और छोटे बच्चे एक किमी दूरी से खेत अथवा नदी से पानी लाने के लिए मजबूर है, लेकिन प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारी एक बार भी गांव वासियों की भीषण जल किल्लत को समझने के लिए नहीं आया. 

दूषित पेयजल से स्वास्थ्य पर असर 

कावरा प्रकल्प पर कपड़े और स्नान करने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ जमा होती है. क्या ऐसी परिस्थिति में प्रशासन को कोरोना का खतरा अथवा कोरोना फैलने का डर नहीं रहता ऐसा सवाल निर्माण हो रहा है. गांव वासियों को दूषित पेयजल से बीमारियां फैल रही है. ऐसे में गांव वासियों का स्वास्थ्य खतरे में रहने के चलते वरिष्ठ अधिकारियों ने धोदरा गांव में पेयजल की किल्लत को दूर करने की मांग की है.