अमरावती

Published: Feb 04, 2023 12:23 AM IST

Kotwals Protest6 से कोतवालों का राज्यव्यापी आंदोलन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. गुजरात व त्रिपुरा राज्य की तर्ज पर महाराष्ट्र में कोतवालों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा बहाल करने के साथ ही सेवानिवृत्त व दिवंगत कोतवालों को निर्वाह भत्ता दिए जाने की मांग को लेकर 6 फरवरी से महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा. जिसके तहत सभी जिलाधीश कार्यालयों के सामने सुबह 11 बजे से धरना प्रदर्शन आंदोलन की शुरुआत होगी.

ऐसी जानकारी कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष उत्तमराव गवई ने दी. मराठी भवन में पत्र वार्ता में उत्तमराव गवई ने बताया कि गुजरात व त्रिपुरा सरकार ने वर्ष 1979 में ही कोतवालों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया है. जिसके लिए उन दोनों राज्यों की सरकारों को किसी भी तरह की कानूनी या आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पडा.

लेकिन महाराष्ट्र में अलग-अलग दलों की सरकारों में हमेशा किसी न किसी वजह को आगे करते हुए कोतवालों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा देने से इंकार किया. जिसकी वजह से महाराष्ट्र के कोतवाला निर्वाह भत्ता प्रमोशन अनुकंपातत्व व ग्रेज्युएटी जैसे लाभ से वंचित रहे और एक तरह से महाराष्ट्र की सरकारों ने कोतवालों को किसी भी तरह का सहारा दिए बिना लगभग मरने के लिए छोड़ दिया. जबकि इसी दौरान सार्वजनिक लोकनिर्माण व जिला परिषद के रास्तें पर गिट्टी, मुरूम डालने वाले मजदूरों, रोप वाटिका में काम करने वाले कामगारों तथा रेल्वे में हमाल व कुली के तौर पर काम करने वालों को चतुर्थ श्रेणी का दर्जा बहाल किया गया है.

ऐसे में महाराष्ट्र राज्य के कोतवालों ने खुद पर अन्याय होने की भावना पैदा हुई है और इस अन्याय को दूर करने के लिए महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संघर्ष समिति द्वारा 6 फरवरी को राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा. इस समय रवि तायडे, अनिल अलोणे, रणजीत गजभिये व सुबोधन खला उपस्थित थे.