अमरावती

Published: Jun 21, 2020 07:47 PM IST

मानसून जलाशयों को झमाझम का इंतजार, संभाग में मात्र 32.99 प्रश जलसंचय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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अमरावती. जून माह में भी संभाग के अनेक गांवों को जलसंकट से जुझना पड रहा है. 56 गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. गर्मी के दिनों में भूजलस्तर गिरने से कई कुएं भी सुख गए है. संभाग के पांचों जिलों के जलाशयों में भी केवल 32.99 प्रतिशत जलभंडार है. हालांकि राहत की बात है कि मानसून ने तय समय पर दस्तक दी है. लेकिन जलकल्लित से निजाद पाने तथा खरीफ बुआई के लिए प्रर्याप्त बारिश की आवश्यकता है.

अप्पर वर्धा प्रकल्प लबालब
21 जून की सिंचाई रिपोर्ट के अनुसार संभाग के सबसे डैम अप्पर वर्धा प्रकल्प में 51.18 प्रतिशत जलभंडार है. 564.05 दशलक्ष घनमीटर (दलघमी) क्षमतावाले इस डैम में 288.68 दलघमी जलसंचय है. संभाग में कुल 9 बडे, 25 मध्यम तथा 477 लघु प्रकल्प है. 1319.91 दलघमी क्षमतावाले 9 बडे प्रकल्पों में 41.88 प्रतिशत याने 586.23  दलघमी जलभंडार है. जबकि 733.15 दलघमी क्षमतावाले मध्यम प्रकल्पों में 35.08 प्रतिशत याने 257.19 दलघमी जलसंचय है. लेकिन लघु प्रकल्पों में केवल 20.85 फिसदी ही पानी शेष है. 1150.54 दलघमी क्षमतावाले 477 लघु प्रकल्पों में 239.84 दलघमी जल है.

वाशिम में सबसे कम
पांचों जिलों में सर्वाधिक जलसंचय 42.89 प्रतिशत संभागीय मुख्यालय अमरावती जिले में है. यवमताल जिले में 31.66 प्रतिशत, बुलढाणा जिले में 30.63 प्रतिशत तथा अकोला जिले में 28.71 प्रतिशत जलभंडार है. संभाग में सबसे कम जलसंचय वाशिम जिले में मात्र 19.86 प्रतिशत है.