अमरावती

Published: Sep 16, 2020 10:22 PM IST

अमरावतीनो-एंट्री में बेधडक ट्रकों की आवाजाही, ट्राफिक पुलिस का नो-एक्शन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अमरावती. शहर में दुर्घटनाओं से बचने के लिये पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत ट्रक, टिप्पर समेत हेवी विकल को सिटी के भीतर नो-एंट्री का समय निर्धारित कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी नो एंट्री में ट्रक-टिप्पर की बढ़ती आवाजाही किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. खासकर नई मोटर साइकिलों की खेप लेकर आने वाले विशालकाय कंटेनरनुमा ट्रकों से खतरा अधिक बढ़ता जा रहा है. 

शहर पुलिस आयुक्तालय में ट्रक, टिप्पर व कंटेनर समेत सभी तरह के हेवी वाहनों की सिटी के भीतर आवाजाही के लिये सुबह 6 से रात 9 बजे तक प्रतिबंध है. जबकि मिनी ट्रकों समेत छोटे मालवाहक वाहनों के लिये सुबह 6 से 8 बजे तक नो-एंट्री है. केवल छोटे माल वाहक वाहनों को सुबह 8 से सुबह 11 बजे तक प्रवेश मान्य है. इसी तरह फिर दोपहर 2 बजे तक नो-एंट्री और 4.30 से शाम 6.30 बजे तक छोटे मालवाहक वाहन प्रवेश मान्य है. लेकिन इस नियम का शहर में पालन नहीं किय़ा जा रहा है. एक वर्ष में नोएंट्री में आये ट्रकों व छोटे वाहनों पर अब तक कितनी कार्रवाई की? इसका ब्यौरा देखने पर ट्राफिक पुलिस के दोनों जोन की कार्यतत्परता साफ नजर आती है.   

शोरूम चालकों को सहुलियत

अमरावती शहर में मोटर साइकिल व फोर विलर वाहनों के बड़े-बड़े शोरुम शहर के भीतर है. गाडगेनगर, सहकार नगर, नवाथेनगर, बस स्टैंड रोड पर हिरो, होन्डा, सुजूकी, टीवीएस मोटर साइकिल व मोपेड के बड़े-बड़े शोरुम है. अधिकांश सभी शोरुम में नई मोटर साइकिलें, मोपेड उतारने के लिये आने वाले विशालकाय कंटेनर ट्रक बेधडक नोएंट्री में घुस आते है. घंटों सड़क किनारे यह कंटेनर खड़ा कर सैकड़ों मोटर साइकिलें व मोपेड शोरुम में खाली कराई जाती है. जिससे इस संबंधित रोड पर ट्राफिक प्रभावित होता है. स्कूल-कालेज भले ही अभी बंद है, लेकिन आम नागरिकों को असुविधा के साथ ही दुर्घटना का खतरा होने पर भी ट्राफिक पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती, यह यक्ष प्रश्न सीपी डा. आरतीसिंह ही हल कर सकती है. 

रेती तस्करों को भी अभय

रेतीघाट की नीलामी बंद है. जिसके कारण रेत के दाम आसमान छूने लगे है. जिससे जिले में रेत की बड़े पैमाने पर तस्करी शुरु है. रेत का चोरी-छिपे परिवहन करने वाले बड़े व छोटे वाहन बेरोक-टोक शहर में नोएंट्री के समय सरपट दौडते देखे जा सकते है. शहर के कई क्षेत्रों में एक निश्चित जगह पर रेत का भंडार किया जाता है. इसके लिये बड़े-बड़े ट्रक निवासी क्षेत्रों में ही खड़े कर दिये जा रहे है. नागपुरी गेट, वलगांव रोड, गजानन नगर, प्रवीण नगर, यशोदानगर, बडनेरा जुनीबस्ती, बडनेरा नईबस्ती के कुछ क्षेत्रों में यह ट्रक देख जा सकते है. शहर में ट्रकों के लिये महानगरपालिका ने करोड़ों की लागत से ट्रक टर्मिनल बनाया है, लेकिन फिर भी ट्रक मालिक अपने घरों के सामने ट्रक लगाने के लिये नोएंट्री में आने-जाने से बाज नहीं आते. कुछ ट्रक मालिक तो अपने घरों के आस-पास सड़क किनारे ट्रकों और ट्रैवल्स बसों की कतार खड़े कर देते है. 

नो-एंट्री की कार्रवाई शुरु

शहर में ट्रक समेत हेवी विकल के लिये नो-एंट्री के समय तय कर दिये गए है. ट्राफिक पुलिस गश्त लगाकर नो एंट्री में ट्रकों पर कार्रवाई करती है. सड़क किनारे खड़े ट्रकों से ट्राफिक में दिक्कतें आने पर भी एक्शन लिया जाता है.  – राहुल आठवले, निरीक्षक ट्राफिक पूर्व 

शोरूम के ट्रकों पर कई बार कार्रवाई

नो-एंट्री में प्रवेश करने वाले ट्रकों समेत हेवी विकल पर कार्रवाई की जाती है. साथ ही सड़क किनारे अवैध पार्किंग के लिए भी अभियान चलाया जाता है. मोपेड व मोटर साइकिल के शोरुम में आने वाले कंटेनर ट्रक नोएंट्री के पहले ही भीतर आते है. ट्राफिक में बाधा डालने पर कार्रवाई की जाती है. – अशोक लांडे, निरीक्षक, ट्राफिक पूर्व