औरंगाबाद

Published: Jun 21, 2020 07:50 PM IST

औरंगाबादमरीज पर समय पर निदान तथा उपचार के लिए ‘मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ में’ अंतर्गत सर्वेक्षण उपयुक्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

– महाराष्ट्र में यह एप बनानेवाली औरंगाबाद मनपा प्रथम

औरंगाबाद. औरंगाबाद महानगर पालिका व जिला प्रशासन ने कोविड-19 इस महामारी से बाधित व्यक्तियों के उम्र गट का अभ्यास कर उस पर उपाय योजनाएं करने की मुहिम शुरू की है. इसके अंतर्गत शहर के हर जोन में कर्मचारी व शिक्षकों के मदद से मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ में इस मुहिम के अंतर्गत एक सर्वेक्षण शुरु किया है. उसमें अब तक शहर के 115 वार्डों में एक लाख 35  हजार से अधिक घरों का सर्वेक्षण किया गया है. औरंगाबाद महानगर पालिका राज्य में मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ नामक एप बनानेवाली प्रथम महानगर पालिका साबित हुई है.जिसका सारा श्रेय मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय को  जाता है.

50 साल से अधिक के 58 हजार लोग शामिल

एमएचएमएच एप की मॉनिटररिंग कर रहे मनपा के कर्मचारी संतोष मिमरोट ने नवभारत को बताया कि मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय  औरंगाबाद में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विविध स्तर पर उपाय योजनाओं पर अमलीजामा पहना रहे  है. इसमें समय पर मरीजों का निदान व उपचार देने के लिए मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ  इस उपक्रम के चलते शहर के नागरिकों व स्वास्थ्य यंत्रणा को बड़े पैमाने पर मदद हो रही है. इस  सर्वेक्षण में 50 साल के उम्र के लोगों की संख्या 58 हजार के करीब है. सर्वेक्षण करने के बाद 50 साल के उपर के नागरिकों में से 38 हजार से अधिक नागरिकों ने मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ में यह एप डाउनलोड कर जानकारी भरी है. 

उपक्रम की पूरे राज्य में प्रशंसा 

 विभागीय आयुक्त सुनील केन्द्रेकर, कलेक्टर उदय चौधरी, मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय के मार्गदर्शन में एमएचएमएच एप तैयार किया गया है. मनपा व जिला प्रशासन के इस उपक्रम की पूरे राज्य में प्रशंसा हो रही है. इस एप के चलते 50 साल के उम्र का  व्यक्ति बीपी, शुगर से पीडित होने पर उन्हें तत्काल संपर्क कर आगे का इलाज किया जा रहा है. जिससे मौत का प्रमाण घटने में मदद  मिलेंगी.

घर-घर पहुंचकर जारी हैं सर्वेक्षण

एमएचएमच एप के मॉनिटर मिमरोट ने बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत औरंगाबाद महानगर पालिका कर्मचारी वर्ग, शहर के शालेय स्तर के शिक्षक की सहायता से नागरिकों के घर घर जाकर स्वास्थ्य सर्वेक्षण कर रहे है. इस सर्वेक्षण में 50 व उससे अधिक उम्र के नागरिकों की ओर विशेष लक्ष्य केन्द्रीत किया जा रहा है. जांच के दरमियान विभाग निहाय, गल्ली निहाय, नागरिकों की विस्तृत जानकारी जमा की जा रही है. हर सर्वेक्षण करनेवाले कर्मचारी को एक ऑक्सिमीटर व थर्मलगन दी गई है. इसके द्वारा नागरिकों के  शरीर का तापमान, खून में ऑक्सिजन का प्रमाण, पल्स की धडकन की जानकारी पंजीकृत की जा रही है. जिससे जिन नागरिकों की उपर के पध्दति से जांच करने पर व्यक्ति का का ऑक्सिजन का प्रमाण 95 से कम होने पेर ऐसे व्यक्ति को तत्काल उपचार को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से कार्यवाही करने की सूचनाएं वरिष्ठ स्तर तक दी जा रही है.

सर्वे में सोशल डिस्टेन्सिंग को दी जा रही अधिक तरजीह

सर्वेक्षण के दौरान नागरिकों की जांच करते समय सोशल डिस्टेन्सिंग के  पालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही हर नागरिक की जांच के समय उसे सैनिटायजर देकर हाथ विषाणु से मुक्त कर ऑक्सिमीटर से जानकारी पंजीकृत की जा रही है. इसकी नियमित रुप से रिपोर्ट रखी जा रही है. सर्वेक्षण रिपोर्ट में 50 वर्ष के अधिक के उम्र की नागरिकों की जानकारी एमएचएमएच एप पर अपलोड होनेवाली जानकारी नियंत्रण कक्ष द्वारा नियमित की जाती है. वहीं, सबंधित जोन के ऑक्सिमीटर  व थर्मल मीटर रीडिंग में आईसीएमआर ने निश्चित किए मानकों से कम मिले नागरिकों को दूरभाष पर  संपर्क कर स्वास्थ्य को लेकर पूछताछ करना, समुपदेशन करना व जरुरत के अनुसार संक्रमित को हॉस्पिटल में एडमिट करने को लेकर सलाह देने का सिलसिला जारी होने की जानकारी एमएचएमएच एप की मॉनिटरिंग कर रहे संतोष मिमरोट ने दी.