औरंगाबाद

Published: Jan 20, 2023 09:47 PM IST

Maharashtra Newsऔरंगाबाद में 27 और 28 फरवरी को जी-20 परिषद का होगा आयोजन: आस्तिक कुमार पांडेय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद: शहर में 27 और 28 फरवरी-2023 को जी-20 परिषद (G-20 Council) का आयोजन किया गया है। परिषद को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां जिला प्रशासन द्वारा जारी हैं। परिषद की तारीख तय होने का पत्र जिला प्रशासन को डब्ल्यू 20 इंडिय़ा (महिला-20) की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा से प्राप्त हो चुका है। यह जानकारी औरंगाबाद के कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडेय (Astik Kumar Pandey) ने पत्रकारों को दी।

उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को विश्वभर की महिला प्रतिनिधि जी-20 परिषद की बैठक को लेकर औरंगाबाद में दाखिल होंगी। दूसरे दिन यानी 27 फरवरी को वीआईपी रोड पर स्थित वंदे मातरम सभागृह में परिषद को लेकर कई विषयों पर परिसंवादों  का आयोजन किया गया हैं। इसके अलावा शहर के पंच सितारा रामा इंटरनेशनल होटल में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। परिषद में शामिल होने वाली महिला प्रतिनिधि 28 फरवरी को एलोरा की गुफाओं का दौरा करेंगी। 

परिषद के लिए सीएम और डिप्टी सीएम रहेंगे उपस्थित 

कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडेय ने बताया कि परिषद के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित कई लोग उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय परिषद में औरंगाबाद के ऐतिहासिक महत्वता पर ब्रैंडिंग की जाएगी। 

तैयारियों को लेकर युद्धस्तर पर हो रहे हैं काम

उधर, जी-20 परिषद को लेकर शहर में इन दिनों शहर में साफ-सफाई को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। परिषद के लिए सरकार से औरंगाबाद महानगरपालिका को 50 करोड़ रुपए का और पीडब्ल्यूडी को 20 करोड़ रुपए का निधि उपलब्ध हुआ है। इस निधि से शहर के मुख्य सड़कों पर बड़े पैमाने पर कई विकास कार्य जारी है। दो दिवसीय परिषद के सहारे इन दिनों शहर को साफ रखने का प्रयास प्रशासन द्वारा जारी है। विशेषकर,  परिषद के चलते शहर की प्रमुख सड़कें और मार्ग अतिक्रमण से मुक्त हो रही हैं। जिसका फायदा आगे सालों तक शहरवासियों को होगा। परिषद को सफल बनाने के लिए विभागीय आयुक्त सुनील केन्द्रेकर, कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडेय, औरंगाबाद महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी के अलावा पुलिस के आला अधिकारी तैयारियों में जूटे हुए हैं। परिषद के दरमियान शहर का ऐतिहासिक महत्व विश्व स्तर पर पहुंचाने का प्रयास होगा।