औरंगाबाद

Published: Dec 30, 2020 07:57 PM IST

औरंगाबादबामू विश्वविद्यालय के अतिरिक्त खर्च पर लगाम लगाने में कामयाब रहे कुलगुरु

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद. बामू (BAMU) विश्वविद्यालय के विविध विभागों में अर्नलगल खर्च हो रहे थे, उस पर वर्तमान कुलगुरु (Vice Chancellor ) डॉ. प्रमोद येवले (Dr. Pramod Yewale) बड़े पैमाने पर लगाम लगाने में कामयाब रहे। विशेषकर, विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में उत्तर पुस्तिका खरीदी में करोड़ो रुपए की हो रही धांधलियों को रोकने में भी उन्हें कामयाबी मिली है। यहीं कारण हैं कि गत डेढ़ वर्ष में विश्वविद्यालय 7 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च (Additional Expenses) पर लगाम लगाने में कामयाब रहा।

कुलगुरु डॉ. येवले ने बताया कि हर साल बामू विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा पर करीब 6 करोड़ खर्च करता था। उसमें विशेषकर एक उत्तर पुस्तिका 7 रुपए में खरीदी जाती थी। मैंने टेंडर के माध्यम से एक पुस्तिका करीब ढाई रुपए में खरीदी। यहीं कारण हैं कि गत डेढ़ वर्ष में परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के अलावा परीक्षा विभाग के विविध कामों पर खर्च होनेवाले 6 करोड़ की राशि का आंकड़ा सिर्फ 80 लाख पर आ पहुंचा। परीक्षा के दौरान प्राध्यापकों और कर्मचारियों पर अतिरिक्त रकम खर्च की जाती थी। उस पर मैंने रोक लगा दी। 

खर्च में और कमी करने का मेरा प्रयास जारी 

एक सवाल के जवाब में डॉ. येवले ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों से खर्च के हर दिन 600 से 700 बिल अकाउंट विभाग में आते थे। मैंने खर्च के  देखरेख का सारा जिम्मा संभालने के बाद बिलों का आंकड़ा प्रतिदिन 100 से 150 पर आ पहुंचा। उन्होंने बताया कि मैंने हर विभाग के खर्च पर विशेष ध्यान केन्द्रीत किया है। जिससे 4 सालों बाद विश्वविद्यालय की तिजोरी सरप्लस होकर प्रशासन 7 करोड़ की अतिरिक्त खर्च होनेवाली राशि को बचाने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा कि मैं हर विभाग के खर्च पर करीब से नजर रखा हुआ हूं। खर्च में और कमी करने का मेरा प्रयास जारी है।