भंडारा

Published: May 25, 2020 11:07 PM IST

भंडारातहसील के 100 स्कूल बने क्वारंटाइन सेंटर, निजि शालाओं का भी समावेश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

साकोली (सं). लाकडाउन के कारण अटके मजदूर एवं नागरिकों को स्वयं के गाव जाने की मंजूरी केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा देने की प्रक्रिया जारी है. इस कारण स्थलांतरित नागरिक बडे पैमाने पर अपने गाव वापिस लौट रहे है. जिले में कोरोना पाजिटिव मरीजों की बढती संख्या को ध्यान में लेते हुए साकोली तहसील में 100 स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में तैयार किए गए है. इसमें 3 निजि स्कूलों का भी समावेश है. बाहर से आनेवाले लोगों की जांच करने के पश्चात उन गावों के जिप. शाला में अलग रखा जा रहा है. तहसील के 97 जिप. शाला को सैनिटाइज तथा स्वच्छ कर तैयार रखा गया है.

रेड झोन से आए नागरिकों को स्कूलों में 14 दिनों का संस्थात्मक अलग किया जा रहा है. रेड झोन से आनेवाले इस गाव के निवासी होंगे तो उसी गाव में ही क्वारंटाइन केंद्र में रखने का आदेश दिया गया है. वर्तमान स्थिति में सरकारी तंत्रनिकेतन लडकियों का छात्रावास सेंदूरवाफा में 50, नंदलाल पाटील कापगते वद्यिालय साकोली में 82, कृष्णमुरारी कटकवार वद्यिालय साकोली 47, कलाबाई कन्या वद्यिालय साकोली में 18 नागरिकों को क्वारंटाइन कक्ष में रखा गया है.

इस केंद्र पर 3ट्ठ3 शक्षिकों के 2 गुट है. सुबह 8 से शाम 6 एक गुट तो दुसरा गुट शाम 6 से सुबह 8 बजे के समय में दुसरा गुट तैनात किया गया है. इस क्वारंटाइन केंद्र में आने जानेवालों को दर्ज करने, क्वारंटाइन कक्ष के नागरिकों को योग्य तरीके से सुविधा दी जाती है या नहीं वह देखना, उनमें सोशल डस्टिन्सिंग रखा जाता है या नहीं इस पर ध्यान रखना आदि कार्य शक्षिकों को दिए गए है.

ग्रामस्तर पर सरपंच शाला के मुख्याध्यापक संबंधित शाला के सभी शक्षिक, पटवारी, पुलिस पाटील, आशा वर्कर, विमुस अध्यक्ष, ग्रामसेवक, स्वास्थ्य कर्मचारियों की ओर केंद्र की संपूर्ण जम्मिेदारी दी गयी है. तहसील की जगह नप. के मुख्याधिकारी, नोडल अधिकारी, पुलिस निरक्षिक, आशा वर्कर, स्वास्थ्य कर्मचारियों की ओर जम्मिेदारी सौंपी गयी है.