भंडारा
Published: Mar 28, 2024 12:07 PM ISTMaharashtra Politics'इस' सीट पर 18 लोकसभा चुनाव में से सिर्फ 5 बार जीती BJP, ऐसा है वोटों का समीकरण
तुमसर: आजादी के बाद भंडारा लोकसभा क्षेत्र (Bhandara Lok Sabha constituency) में 18 बार चुनाव हुए। इसमें 10 बार कांग्रेस (Congress) द्वारा जीत हासिल की गई थी। वहीं भाजपा ने 5 बार एवं राकांपा (NCP) के प्रत्याशी 2 बार चुनकर आई। इसके अलावा मतदाताओं ने एक बार लोकदल पार्टी को भी मौका दिया गया था। वर्तमान में भाजपा (BJP) ने वर्तमान सांसद सुनील मेंढ़े को दोबारा प्रत्याशी बनाया गया है। जबकि कांग्रेस ने डॉ. प्रशांत पडोले को चुनाव मैदान में उतारा है।
लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र होकर दोनों प्रमूख पार्टियों द्वारा एक ही भंडारा विधानसभा क्षेत्र एवं कुणबी समाज के व्यक्तियों को टिकिट बहाल की गई है। इससे क्षेत्र के पोवार एवं तेली बहुसंख्यक समाज के लोगों में तीव्र असंतोष का वातावरण निर्माण हुआ है। इसी कारण अबकी बार पोवार एवं तेली समाज के मतदाता निर्णायक की भूमिका अदा करेंगे। यदि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दोनों समाज में से एक दमदार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरा तो चुनाव का चित्र पूरी तरह से बदल सकता है।
यहां गोंदिया लोकसभा सीट सबसे पहले 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी थी। इससे पहले इस लोकसभा सीट का नाम भंडारा ही था। लेकिन अब यह सीट दो जिलों भंडारा एवं गोंदिया में पड़ती है। दोनों ही जिलों की 3-3 विधानसभा सीट इस लोकसभा के अंतर्गत आती हैं। परिसीमन के पहले तक 1999 एवं 2004 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 1999 में चुन्नीलाल ठाकुर एवं वर्ष 2004 में शिशुपाल पटले यहां से जीते थे। परिसीमन के बाद यहां 2009 में राकांपा के उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल ने बाजी मारी थी।
दिलचस्प बात यह है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार होने के बावजूद नाना पटोले यहां दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि भाजपा के शिशुपाल पटले तीसरे स्थान पर रहे थे। नाना पटोले की इस इलाके में पकड़ को देखते हुए अगले ही चुनाव यानी कि 2014 में भाजपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया था एवं वह जीतकर संसद में भी पहुंचे थे। हालांकि, पार्टी आलाकमान से मतभेद के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था।