भंडारा
Published: Mar 15, 2021 01:03 AM ISTCorona Vaccineकोरोना टीकाकरण से खतरा नहीं, डाक्टरों का दावा
- हृदय रोगी व एलर्जी वाले भी ले सकते हैं वैक्सीन
भंडारा. जिले में सरकारी तथा निजी अस्पतालों में कोरोना का टीकाकारण जारी है. पहले स्वास्थ्य कर्मचारी, डाक्टर, फ्रंटलाइन वैरियर को कोरोना का टीका लगाने के बाद अब वरिष्ठ नागरिकों तथा बीमार व्यक्तियों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. कोरोना का टीका ह्दय रोगियों, एलर्जी वाले, रक्तदाब, मधुमेह के रोगियों को भी लगाया जा सकता है. कोरोना का टीका लगाने से किसी बड़े रोग से पीड़ित व्यक्ति की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता, ऐसा दावा डॉक्टरों की ओर किया गया है.
डाक्टरों की सलाह लेना जरूरी
भंडारा के ह्दय रोग चिकित्सक डा. मनोज चव्हाण का कहना है कि जो लोग यह सोच कर कोरोना का टीका नहीं लगवा रहे कि मुझे मधुमेह है, मुझे ब्लड प्रेशर है, मुझे एलर्जी है. इसलिए कोरोना का टीका लगाना ठीक नहीं, तो यह सोच गलत है. डा. मनोज चव्हाण का कहना है कि रक्तस्राव तथा कम प्लेटनेम वाले मरीज कोरोना का टीका लगाने से पहले अपने डाक्टर से परामर्श लेना जरूरी है.
मधुमेह के रोगी, ह्दय रोगी, बाईपास आपरेशन वाले मरीज, एंजियोपेलास्टी वाले मरीज भी कोरोना का टीका लगवा सकते हैं. यह टीका गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को लगाया जा सकता है. गर्भवती महिलाएं अथवा जिनको वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद ज्यादा परेशानी हुई हो, या टीके का विपरीत असर पड़ा हो, ऐसे लोग टीके की दूसरी डोज न लें.
33,245 लोगों का हुआ टीकाकरण
उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी जानलेवा महामारी से बचने के लिए रिकार्ड समय में बनी कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद उसका दुष्परिणाम होता है, ऐसी भ्रांति बहुत से लोगों में होने के कारण बहुत से लोग कोरोना का टीका लगाने से कतरा रहे हैं. भंडारा जिले में शुक्रवार तक 33,245 लोग कोरोना का टीका लगवा चुके थे, जिनमें 13,117 वरिष्ठ नागरिक हैं.
घबराने की जरूरत नहीं
कोरोना का टीका लगवा चुके कुछ लोगों का कहना है कि टीका लगाने के बाद शरीर में कपकपी तथा हल्का बुखार आता है. हालांकि टीका लगवाने वालों में सभी को एक जैसी परेशानी नहीं होती. कुछ लोगों को यह भी कहना है कि जहां टीका लगा होता है, उस जगह पर कुछ दर्द भी होता है. डाक्टरों का कहना है कि अगर टीका लगाने के बाद इस तरह की तकलीफ होती है तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह तकलीफ चंद दिनों में ही समाप्त हो जाता है. कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए इतनी पेरशानी तो सहन की ही जा सकती है.