भंडारा

Published: Oct 19, 2020 01:17 AM IST

भंडाराखमारी गांव का पुनर्वास करने की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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भंडारा. तहसील के खमारी (बुटी) गांव वैगगंगा नदी के तट पर स्थित है. इस गांव सूर तथा वैनगंगा नदी का संगम होने के कारण सदैव बाढ़ का संकट बना रहता है, इस कारण खमारी गांव का पुनर्वास किया जाए, ऐसी मांग भंडारा तहसील कांग्रेस कमेटी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले तथा पालक मंत्री डॉ. विश्वजीत कदम को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से की गई है.

जिले में अगस्त माह के अंत में आई भयंकर बाढ़ की वजह से खमारी गांव को भारी नुकसान पहुंचा था. बाढ़ की वजह से खमारी गांव के 114 घरे पानी में डूब गए थे. बाढ़ के कारण 158 घर आंशिक रूप से नष्ट हुए हैं, जबकि 409 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. वर्ष 1994 में भंडारा जिले में आई भीषण बाढ़ में भी इस वर्ष आई बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हुई थी.

बार-बार प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी खमारी गांव को गोसे पुनर्वास सूची में शामिल नहीं किया गया. यहां की 90 प्रतिशत खेती डूब क्षेत्र में है. गांव के पुनर्वास की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही है. गांव की स्थिति की समीक्षा किए बगैर प्रशासन की ओर से गांव को गोसे प्रभावित गांवों की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता. गांव को तत्काल गोसे परियोजना प्रभावित गांवों की सूची में समाविष्ट करके उसका पुनर्वास किया जाए, अन्यथा 25 नवंबर को आमरण अनशन की चेतावनी तहसील कांग्रेस कमेटी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले तथा पालक मंत्री डॉ विश्वजीत कदम को भेजे गए ज्ञापन में  दी गई है.

विधानसभा अध्यक्ष तथा पालक मंत्री को ज्ञापन सौंपते समय तहसील कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्यारेलाल वाघमारे, मंगेश हुमणे, पूर्व सरपंच दिलीप मडामे, कुंडलिक मोगघरे, हगरू उरकुडे, नारायण उके, गुलाब मेश्राम आदि उपस्थित थे. ग्राम पंचायत प्रस्ताव तथा गांव के 450 लोगों के हस्ताक्षर वाला परिपत्रक भी इस दौरान सौंपा गया.