भंडारा

Published: Oct 14, 2020 02:45 AM IST

भंडारावर्षा काल में भी महावितरण कर्मचारी कर्तव्य निभाने में पूरी तरह तत्पर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भंडारा (का). आमतौर पर महावितरण के कर्मचारियों पर यह आरोप लगता रहा है कि इस विभाग के कर्मचारी अपना काम अच्छी तरह से नहीं करते. वर्षा काल में विद्युत कटौती आम बात है. थोड़ी सी वर्षा हुई नहीं कि बिजली गुल, लेकिन इस मौसम में एक नहीं अनेक शिकायत बिजली विभाग के कार्यालय में होती है. कोई मोबाइल से शिकायत करता है तो कोई लिखित शिकायत करता है. विद्यत क्षेत्र में काम करने वालों को रीटेक नहीं है. एर भूल भी बड़ी समस्या का कारण बन सकता है.

इस क्षेत्र के जुड़े लोगों के लिए यह वाक्य बहुत सटीक बैठता है कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी. बिजली कर्मियों पर लगातार यह आरोप लगाया जाता है कि वे अपना काम अच्छी तरह से नहीं कते, लेकिन शिकायत करने वालों ने कभी इस बारे में सोचा है कि वर्षाकाल में इस विभाग के कर्मचारियों को अपनी जान जोखिम में डालकर कैसे काम करना पड़ता है. जून माह से शुरु होने वाला मानसून काम आमतौर पर सिंतबर माह में समाप्त हो जाता है, लेकिन इस वर्ष अक्टूबर माह शुरु होने पर भी वर्षा जारी है. वर्षा के कारण बिजली के खंभों पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं है.

खंभा गीला होने के कारण पांव फिसलने के कारण नीचे गिरने की आशंका सदैव बनी रहती है. इसके अलावा करेंट लगने का भी डर बना रहता है. बिजली कर्मचारियों की समस्या इस समय और ज्यादा बढ़ जाती है, जब देर रात किसी क्षेत्र से बिजली आपूर्ति भंग होने की शिकायत आती है, तब हाथ का काम छोड़कर इन बिजली कर्मचारियों को उस क्षेत्र में जाना पड़ता है, जहां की बिजली खंड़ित होती है. एक तरफ सभी क्षेत्रों में आधुनिकीकरण हो रहा तो दूसरी ओर विद्युत विभाग है कि वह आज भी पुरानी मशीनों, औजारों की मदद से संचालित हो रहा है. वर्षा तथा अंधेरे की चिंता न करते हुए ये कर्मचारी अपने कर्तव्य का पालन बहुत अच्छी तरह से करते हैं, फिर भी लोग इन कर्मचारियों पर लापरवाही करने का आरोप लगाते रहते हैं.