भंडारा

Published: Oct 01, 2020 06:37 PM IST

भंडारारेवननाथ के कार्य को नरेंद्र पहाडे की मदद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वरठी (सं). कोरोना महामारी के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. लोग अपने स्वास्थ्य रक्षा के लिए पूरी तरह से जागरूक हैं. कोरोना काल में नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग, किसान समेत अन्य सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना महामारी के कारण शिक्षा का क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है. इसके कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है.

जिन पालकों ने अपने पाल्यों को प्राइवेट स्कूल में शुल्क भरकर प्रवेश दिलाया था, उनकी भी कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से जारी हैं, लेकिन जो विद्यार्थी सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे, ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ा है, क्योंकि उनके शिक्षक भले ही ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हों, फिर भी विद्यार्थियों के पालकों के पास स्मार्टफोन हो, यह जरूरी नहीं है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक यह ऑनलाइन शिक्षा पहुंच ही नहीं पा रही है. 

विद्यार्थियों की इन्हीं समस्यों की ओर ध्यान देते हुए  मोहाडी तहसील के निलज (बु) गांव के एक सुशिक्षित युवक ने इन विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है. इस युवक का नाम रेवननाथ धनराज गाढवे है. रेवननाथ की शिक्षा शासकीय तंत्र निकेतन ब्रम्हपुरी से हुई है. वर्तमान में नागपुर के एक नामांकित कॉलेज में इंजीनियरिंग की शिक्षा ले रहे हैं.

मार्च माह की 25 तारीख से देश में तालाबंदी शुरु की गई. नागपुर के सभी कॉलेज बंद होने के कारण रेवननाथ निलज (बु) में रहने के लिए आ गया. अपने गांव में पहुंचते ही रेवननाथ ने देखा कि गांव की जिला परिषद शाला सरकारी आदेश के तहत बंद की गई हैं, उसके आधार पर विद्यार्थियों की पढ़ाई की समस्या खड़ी हो रही है, ऐसे में रेवननाथ के मन में एक कल्पना आयी, उसने अपने घर में ही विद्यार्थियों को नि:शुल्क कक्षाएं लेना शुरु किया. 

रेवननाथ ने गांव के स्कूले के शिक्षकों से चर्चा करके शिक्षकों को विद्यार्थियों को कक्षाओं के बारे में जानकारी दी. वर्तमान में विद्यार्थी रेवननाथ के पास पढ़ने के लिए सुबह दोन घंटे तथा शाम को तीन घंटे आते हैं. सभी विद्यार्थियों को उनकी कक्षा के अनुसार हर गट को  दूर दूर बैठाया जाता है. विद्यार्थियों को पढ़ाते समय  रेवननाथ अपनी छोटी बहन की भी मदद लेता है. इसी तरह कक्षाएं लेते समय रेवननाथ किसी से भी एक भी रुपया नहीं लेता. विद्यार्थियों को पढाते समय रेवननाथ विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की भी चिंता करते हैं.

रेवननाथ के नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के बारे में उसके दोस्त को जैसे ही पता चला, उसने इसके बारे में युवा गर्जना प्रतिष्ठान के संस्थापक के अध्यक्ष नरेंद्र पहाडे को बताया. जैसे ही नरेंद्र पहाड़े को इसके बारे में जानकारी मिली उन्होंने रेवननाथ के प्रशिक्षण कक्षा के लिए लगने वाली सामग्रियां उनके पास पहुंचायी. दूसरे दिन उन्होंने ने स्वयं रेवननाथ के प्रशिक्षण कक्षा में भेंट देकर विद्यार्थियों के लिए आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया और भविष्य में जितनी भी जरूरत होगी, वह देने का आश्वासन भी इस दौरान नरेंद्र पहाड़े ने दिया. इस दौरान युवा गर्जना प्रतिष्ठान के संस्थापक तथा अध्यक्ष नरेंद्र पहाडे, चेतन पडोले, सोहेल शेख, अखिल मुंडले आदि उपस्थित थे.