भंडारा

Published: Sep 12, 2020 02:57 PM IST

प्राकृतिक आपदालोगों के कारण ही पैदा हुई हैं समस्याएं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भंडारा (का). प्रकृति के नियमों के साथ खिलवाड़ किए जाने की वजह से वातावरण में बदलाव हो रहा है. प्रकृति के नियमों के साथ चला जाए तो सभी कुछ समय पर होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा, जिससे मानव लगातार परेशान हो रहा है. वनों में वृक्षों की अपार संपदा है. इन वृक्षों से लोगों को अनेक फायदे सदियों से लोगों को मिलते रहे हैं. लेकिन जैसे समय बदला विकास के नाम पर वृक्षों की कटाई होने लगी और वृक्षों से मिलने वाले लाभ से मानव वंचित होता चला गया.

अनेक वर्षो की तपस्या के बाद औषधियों का जतन करने तथा आयुर्वेदिक इलाज करने, पहले के ऋषि मुनियों के आधार पर गांवों में कुछ लोग कर रहे थे. इस वजह से पहले मानव 100 वर्ष की आयु जीता था. आज के आधुनिक जीवन में सब कुछ बदल गया है. आज स्थिति यह हो गई है कि 50 वर्ष की आयु में ही व्यक्ति वृद्ध दिखायी देने लगता है. जंगल से वृक्षों की कटाई का अंतहीन सिलसिला जारी है. यह कब तक जारी रहेगा, इसके बारे में  मंथन करना जरूरी है.