भंडारा

Published: Dec 08, 2020 01:29 AM IST

भंडारापैसों की जरूरत पूरा करने गरीबों को खटखटना पड़ता है दरवाजा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

भंडारा. जिले में कम जमीन वाले किसान, आम गरीब नागरिक, मजदूरी कमाने वालों के लड़कों और लड़कियों की शादी, घरेलू समस्याएं, बीमारी व छोटे व्यवसायों में गंभीर मंदी की अवधि के दौरान आर्थिक पैसों की आवश्यकता होती है. ऐसे समय में उन्हें अवैध साहूकारों के दरवाजे पर जाना पड़ता है. साहूकार भी इस अवसर का लाभ उठा रहे हैं. 5 से 10 प्रतिशत ब्याज ले रहे हैं, अवैध साहूकार शहर व जिले में भी गरीबों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके कारण गरीबों का जीवन संकट में आया है.

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों तक कारोबार

साधारण नागरिकों को बीमारी, विवाह व अन्य घरेलू कामों के लिए धन की आवश्यकता होती है. ऐसे समय में कई नागरिक सोने व चांदी के आभूषण गिरवी रखकर अपनी जरूरत पूरी करते है. किंतु जिनके पास सोना, चांदी के गहने नहीं हैं, वह खेती नहीं करते, ऐसे कामगार कहां जाए, इस तरह का सवाल जरूरतमंदों के सामने आता है. इस स्थिति में रिश्तेदारों से पैसे की मांग की जाती है. यहां तक ​​कि रिश्तेदार भुगतान करने से इनकार करते है. इसके लिए उन्हें अवैध साहूकार तक पहुंचना पड़ता है. ऐसे समय में अवैध साहूकार कर्ज देकर जरूरतमंदों की जरूरत को पूरा करते है. किंतु अधिक ब्याज वसूल कर हर महीने जरूरतमंदों से पैसा लेते रहते हैं. कुछ अवैध साहूकारों का अवैध व्यापार शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में भी शुरू हो गया है. 

अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई

कोरोना के कार्यकाल में किसान खेतमजदूरों के साथ गरीब आम परिवारों पर हलाकन की नौबत आ गई है. इसलिए कई लोगों ने साहूकारों की ओर से परिवार के साथ-साथ स्वयं का जीवनयापन करने के लिए कर्ज उठाया है. तो 

कुछ लोगों ने परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के कारण लड़के व लड़कियों की शादी के लिए कर्ज लिया. अब पिछले 7-8 महीनों से कर्ज पर ब्याज बढ़ रहा है. इसके कारण गरीबों के लिए कर्ज चुकाना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे समय में अमीर और गरीब के बीच की खाई और चौड़ी हो रही है.