महाराष्ट्र

Published: Jan 11, 2022 05:23 PM IST

Maharashtra Newsमहाराष्ट्र के विभिन्न किलों में अनधिकृत निर्माण को लेकर बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने की शिकायत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (BJP) के वरिष्ठ नेता विनय सहस्रबुद्धे (Vinay Sahasrabuddhe) और सुनील देवधर (Sunil Deodhar) के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के रायगढ़ (Raigarh) और कुलाबा (Colaba) सहित विभिन्न किलों (Forts) में ‘‘धार्मिक ढांचों के पुनरुद्धार के इरादे” से किए जा रहे निर्माण कार्यों के मुद्दे पर केंद्र से शिकायत की।

राज्यसभा सदस्य सहस्रबुद्धे, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव देवधर और दिल्ली मराठी प्रतिष्ठान के वैभव डांगे ने संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल से इस सिलसिले में मुलाकात की। सहस्रबुद्धे ने कहा कि इसी प्रकार के अवैध निर्माण कोल्हापुर स्थित विशालगढ़ में भी किए जाने की खबरें सामने आई हैं। उन्होंने मेघवाल से आग्रह किया कि वह इस ‘‘गंभीर स्थिति” के मद्देनजर चुने हुए प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सुनील देवधर और वैभव डांगे के साथ संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की और छत्रपति शिवाजी महाराज के काल के कई ऐतिहासिक किलों में कुछ धार्मिक समूहों द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के लिए ज्ञापन सौंपा।” प्रतिनिधमंडल ने मेघवाल को सौंपे एक ज्ञापन में कहा कि पूर्व में यह मामला संज्ञान में लाया गया था और हाल ही में अवैध निर्माण और धार्मिक पूजा पाठ संबंधी ढांचों के पुननिर्माण की ताजा घटनाएं भी हुई हैं।

ज्ञापन में कहा गया कि ऐसा प्रतीत हुआ है कि यह प्रयास कुछ ‘‘असामाजिक तत्वों” द्वारा धार्मिक अनुष्ठानों को पुनर्जीवित करने के लिए पुराने ढांचों पर सफेद रंग चढ़ाकर किया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र के इन किलों को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया है और इनके संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पास है।

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक रायगढ़ के किले में हुआ था, जबकि कुलाबा का किला उनके मराठा साम्राज्य का नौसैनिक अड्डा था। उन्होंने मेघवाल से कहा कि वह एएसआई को निर्देश दें ताकि धार्मिक अनुष्ठानों को पुनर्जीवित करने के इरादे से किसी भी संरक्षित स्मारक के भीतर कोई निर्माण या पुनर्निर्माण कार्य ना हो सके।

सहस्रबुद्धे ने कहा कि अवैध निर्माण की घटनाओं को रायगढ़ और कुलाबा में पर्वतारोहियों व युवाओं के समूहों ने देखा था। उन्होंने दावा किया कि ‘‘असामाजिक तत्वों” ने महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित चांदगढ़ किले को ‘‘दरगाह चंदन” का नाम दे दिया है और वह वहां धार्मिक अनुष्ठान के लिए निर्माण कार्य करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार प्रसिद्ध लोहागढ़ किले में स्थानीय लोगों ने बड़े स्तर पर उर्स मनाना आरंभ कर दिया है, जबकि वह स्थानीय देवता भैरोबा का मंदिर था।”