बुलढाना

Published: Jul 11, 2021 09:02 PM IST

बुलढानालगातार सात दिनों से कृषि उपज मंडी की हड़ताल जारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मानोरा. केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर तक स्टाक सीमाएं लागू की है. केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के बाद जारी स्टाक संबंधी निर्णय का सभी ओर विरोध किया जा रहा है. राज्य की सभी कृषि उपज बाजार समितियों ने सरकार की इन नीतियों का विरोध करते हुए खरीदी बिक्री के संपूर्ण व्यवहार अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए हैं. इस कारण लगातार 7 दिनों से कृषि उपज बाजार समिति का कामकाज पूरी तरह से बंद है.

केंद्र सरकार ने जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए विशेष रूप से दलहन की हो रही कालाबाजारी को रोकने के लिए खुदरा व मिलर के स्टाक की मर्यादा सुनिश्चित की है. अब व्यापारी तथा दाल मिला धारक सरकार द्वारा निर्धारित स्टाक के अतिरिक्त अनाज का स्टाक नहीं रख सकेंगे. सरकार धीरे-धीरे व्यापारी, उद्योजकों पर अपने नियमों का हवाला देकर पाबंदियां लगा रही है. एक तरफ किसानों का माल घर में पड़े पड़े सड़ने लगा है तो दूसरी और सरकारी नीतियों के कारण बाजार में कृषि माल की खरीदी न होने से किसान भी चिंतित है.

स्टाक मर्यादा: तो खरीदी कैसे करें?

व्यापारी, आड़ते यहां तक कि कृषि उपज मंडी का कहना है कि अगर सरकार व्यापारियों पर स्टाक मर्यादा का नियम लाती है तो वह अनाज की खरीदी नहीं कर पाएंगे. वहीं एक ओर सरकार किसानों को सधन बनाने का दावा कर रही हैं तो दूसरी ओर उनकी उपज को बाजार में अगर उचित दाम नहीं मिलेंगे तो किसान वैसे ही दलदल में फंसता नजर आएगा. आने वाले समय में सरकार ने अपने नियमों और कानूनों पर विचार नहीं किया तो देश में आर्थिक संकट गहराने की संभावना व्यक्त की जा रही है.