बुलढाना

Published: Dec 07, 2020 10:42 PM IST

बुलढाना8 दिसंबर को किसानों ने की भारत बंद की घोषणा, किसानों के आंदोलन को कई गणमान्यों का समर्थन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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बुलढाना. नए किसान कानून को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है. लगभग चार बार केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ इस संदर्भ में चर्चा की गई है लेकिन चर्चाओं में इस समस्या का हल नहीं निकला. जिसके कारण किसानों ने अपने आंदोलन को तीव्र करते हुए 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा की है. जिसके पश्चात विविध राजकीय पार्टियों द्वारा किसानों के बंद को प्रतिसाद मिलता दिखाई दे रहा है. प्रस्तुत है इस संदर्भ में नेताओं और गणमान्यों की प्रतिक्रियाएं-

किसानों द्वारा पुकारें गए बंद में शामिल हों -प्रशांत सोनुने

किसानों के संवैधानिक, मुलभूत, न्याययिक अधिकार के लिए देश भर के लगभग 500 किसान संगठनों द्वारा भारत के इतिहास में पहली बार एक स्थान पर आकर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है. केंद्र सरकार द्वारा अपनायी जा रही तानाशाही नीति के खिलाफ किसान संगठन एकत्रित होकर विरोध किया जा रहा है. इस जुल्म व ज्यादाति के खिलाफ किसानों द्वारा पुकारे गए बंद में सभी देशवासियों से शामिल होने की अपील प्रशांत सोनुने ने की है.

केंद्र सरकार काला कानून वापिस लें -हर्षवर्धन सपकाल

अ.भा. कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा पूर्व विधायक हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान जिनके खून-पसीने से देश की अर्थव्यवस्था चल रही है, आज उस पर आंदोलन करने की नौबत आन पड़ी है, यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. देश के किसानों के साथ राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी सदैव खड़ी है और उन्हें अपना मर्थन देती है. केंद्र सरकार को शीघ्र ही नये किसान विरोधी काले कानून को वापिस लेना चाहिए.

सिर्फ किसानों की नहीं, देश बचाने की लड़ाई है -रविकांत तुपकर

स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता रविकांत तुपकर ने कहा कि, दिल्ली में शुरू किसान आंदोलन सिर्फ किसान हित में नहीं बल्कि देश बचाने के हित में है, जो लोग अन्न ग्रहण करते हैं उन सभी को इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए. किसान द्वारा घोषित बंद में शत प्रतिशत शामिल होकर सफल बनाएं, यह अपील किसान नेता रविकांत तुपकर ने की.

व्यापारी वर्ग स्वयं होकर बंद में शामिल हों -अनिल वर्मा

केंद्र सरकार द्वारा लागू काले कानून से देश का अन्नदाता परेशान है. किसानों को हो रही परेशानी भविष्य में पूरे देश के व्यवसाय पर असर करेंगी. इसिलिए सभी व्यवसायिक स्वयं होकर किसानों द्वारा पुकारे गए बंद में शामिल हो, यह अपील राष्ट्रवादी कांग्रेस जिला सचिव अनिल वर्मा ने की है.