चंद्रपुर

Published: Feb 11, 2023 11:27 PM IST

Urea Fertilizerजिले को 2800 मीट्रिक टन 'भारत यूरिया', पालक मंत्री ने किया यूरिया रैक का उद्घाटन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, मुंबई से 2800 मीट्रिक टन यूरिया भारत के जिले में पहली बार रैक द्वारा प्राप्त किया गया है. चंद्रपुर रेलवे स्टेशन पर सदर रैक का उद्घाटन जिले के पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने किया और यूरिया का वितरण शुरू हो गया है. खासकर एम.आर.पी. और सब्सिडी सहित एक बैग की कीमत 2237 रुपये है. हालांकि, किसानों को  एक बैग एमआरपी कीमत के हिसाब से यह 266.50 रुपए में मिलेगा और एक बैग पर 1971 रुपए की सब्सिडी दी गई है.

जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी भाऊसाहब बरहटे, कृषि विकास अधिकारी लक्ष्मीनारायण दोड़के, मुहिम अधिकारी सुशांत गाडेवार, आरसीएफ कंपनी के जिला प्रबंधक पानझाडे, वी. सी. एम. एफ के जिला प्रबंधक. हनोले आदि उपस्थित थे.

मालधक्का पर मजदूरों से बातचीत करते हुए पालक मंत्री मुनगंटीवार ने कहा, यहां रैक प्वाइंट को पक्का कर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसमें शेड, पेयजल व्यवस्था आदि शामिल हैं. रेल विभाग को मजदूरों की समस्याओं के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए. उन्होंने रेल विभाग को निर्देश दिए कि अगले चार से पांच माह में स्वीकृत के लिए यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं.

चंद्रपुर जिले में रबी सीजन में 1 लाख 18 हजार 949 हेक्टेयर में बोआई की जा चुकी है। इसमें गेहूं 16,335.80 हेक्टेयर, चना 62,372 हेक्टेयर, ज्वारी 6432.90 हेक्टेयर, मक्का 1291.30 हेक्टेयर, मूंग 2195.10 हेक्टेयर, उड़द 1757.40 हेक्टेयर, अलसी 1284.80 हेक्टेयर, तिल 8.20 हेक्टेयर, करडी 911 हेक्टेयर, सरसों 182.90 हे., सोयाबीन 2695.40 हेक्टेयर, सूरजमुखी 8 हेक्टेयर है. 

वर्तमान में जिले में फसलों की आवश्यकता के अनुरूप रासायनिक खाद का प्रचुर भंडार उपलब्ध है. हालांकि, किसानों को रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के बिना फसलों की जरूरतों के अनुसार संतुलित रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए. साथ ही यूरिया खाद के अधिक प्रयोग की स्थिति में फसलों की उत्पादकता में कमी आने की संभावना रहती है.

जिले में वर्तमान स्थिति में गेहूं की फसल को विश्वविद्यालय की रासायनिक खाद की मात्रा के अनुसार यूरिया खाद दिया जाए. हालाँकि, चना एक घाटे वाली फसल है और इसे नत्र की आवश्यकता नहीं होती है.आज की परिस्थितियों में यदि चने में यूरिया का प्रयोग किया जाए तो फसल की बौनी (शाखा एवं पत्ती) वृद्धि के कारण लगभग 20 से 25 प्रतिशत तक उपज कम हो सकती है. इसके लिए सभी किसानों से निवेदन किया गया कि गेहूं के अलावा अन्य फसलों को यूरिया देने की जरूरत नहीं है.

रबी सीजन 2022-23 के लिए नत्र, स्फुरद और पलाश तत्वों को देखते हुए कुल 56 हजार 497 मे. टन  रासायनिक उर्वरक की मांग कृषि आयुक्तालय पुणे से किए जाने अनुसार कृषि आयुक्तालय द्वारा 41 हजार 970 मिलियन टन रासायनिक उर्वरक के आवंटन की स्वीकृति दी गई है. इसमें यूरिया 21 हजार 970 मिलियन टन, डीएपी 1 हजार 620 मिलियन टन है। एसएसपी 8 हजार 250 मे. टन, एम.ओ.पी. 500 मे. टन, संयुक्त उर्वरक 9 हजार 630 में. टन शामिल हैं.

इस आवंटन के अनुसार 58 हजार 815.40 मे.टन रासायनिक खाद रबी सीजन 2023 के लिए उपलब्ध हो गया है. इसमें यूरिया 21 हजार 125 मिलियन टन, डी.ए.पी. 2 हजार 896.35 एमटी, एस.एस.पी. 19 हजार 465 मे. टन, एम.ओ.पी. 133 टन, संयुक्त उर्वरक 13 हजार 905 मे. टन, मिश्रित 1 हजार 291 मे. टन प्राप्त हुआ है। कुल मिलाकर चंद्रपुर जिले के लिए रबी सीजन की फसलों की आवश्यकता के अनुसार स्थानीय बाजार में रासायनिक खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है.