चंद्रपुर

Published: Jul 12, 2021 11:37 PM IST

Educationशिक्षा शुल्क बढ़ाने पर पालकों में रोष, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मूल. कोरोना संक्रमण की वजह से लाकडाउन लगाया गया. लाकडाउन का सबसे बड़ा असर शिक्षा क्षेत्र पर पड़ा है. आज भी पाठशालाएं बंद हैं. आनलाइन शिक्षा शुरू होने से अनेक शालाओं ने भारी फीस वसूली शुरू की है. इसकी वजह से पालकों में रोष बढ़ता जा रहा है. इसलिए शिक्षा फी रद्द करने की मांग सोमवार को पालकों ने की. इस संबंध में तहसीलदार व अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया.

विद्यार्थियों को कर रहे परेशान

तहसील में अनेक अंग्रेजी माध्यम की स्कूल हैं. विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए पालकों ने अपने बच्चों को अंग्रेजी शाला में दाखिल किया है. सभी कुछ सुचारू रहते हुए देश में कोरोना का संक्रमण आया और सरकार को सभी शाला, कालेज को बंद करने के आदेश जारी करना पड़ा.

यहां की अनेक पाठशालाओं ने आनलाइन शिक्षा शुरू रखने के नाम पर अभिभावकों से भारी शुल्क वसूली कर रहे हैं. शुल्क नहीं भरने पर विद्यार्थियों को निशाना बनाया जा रहा है. इसकी वजह से विद्यार्थी अभिभावकों को परेशान कर फीस भरने विवश कर रहे हैं. कोरोना काल में लागू किए लाकडाउन की वजह से कई लोगों का रोजगार छीन गया है. किंतु शिक्षा संस्थाओं ने शिक्षा शुल्क भरने के लिए अभिभावकों से बार-बार तकाजा कर रहे हैं. इसकी वजह से अभिभावकों में रोष बढ़ रहा है.

पालक संघर्ष समिति का किया गठन

इसके खिलाफ निजी शाला पालक संघर्ष समिति गठित कर सोमवार को तहसीलदार डा. रविंद्र होली, गुट शिक्षाधिकारी खांडरे, मूल नपा के मुख्याधिकारी सिद्धार्थ मेश्राम और नगर पालिका के शिक्षा सभापति मिलिंद खोब्रागड़े को ज्ञापन सौंपा गया. इसमें कोरोना काल का शिक्षा शुल्क माफ करने, एक कक्षा में 35 से अधिक विद्यार्थियों को नहीं बिठाने, बार-बार पाठ्यक्रम नहीं बदलने, पुराने पुस्तक लेने की अनुमति देने, अभिभावकों की आमसभा लेकर शिक्षक-पालक संघ का चयन करने, शिक्षक-पालक संघ कार्यकारिणी का फलक शाला के दर्शनीय स्थान पर लगाने आदि मांगें की गईं.

अधिकारियों ने कुछ दिनों में अभिभावक और शिक्षा संस्था प्रमुखों की बैठक आयोजित करने की जानकारी दी. ज्ञापन सौंपेत समय नंदकिशोर रणदिवे, प्रशांत समर्थ, राकेश रत्नावार, मंगेश पोटवार, विवेक मुत्यालवार, मनीष येलट्टीवार, अधि. बल्लू नागोशे, श्याम उराडे, राकेश ठाकरे, संजय भुसारी, गिरीश कांचनकर, भोजराज गोवर्धन, अजय गड्डमवार, विनोद कामड़ी, आरीफ पठान, कुमार दूधे, गणेश रामशेट्टीवार, गौतम जिवणे, अरविंद करपे, अमित राऊत, प्रशांत गट्टुवार, गौरव शामकुड़े आदि उपस्थित थे.