चंद्रपुर

Published: Jun 27, 2021 09:45 PM IST

Movementभाजपा का आंदोलन सिर्फ दिखावा, पूर्व विधायक सानंदा ने लगाए कई आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

खामगांव . सर्वोच्च न्यायालय ने स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के अतिरिक्त ओबीसी आरक्षण को रद्द करने का निर्णय दिया है. सन 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई, मोदी खुद ओबीसी होने का दावा करते हैं फिर ओबीसी के हाथ सत्ता देने की मोदी सरकार की मानसिकता न होने से केंद्र सरकार ने ओबीसी का डाटा विगत सात वर्षों से दबाकर रखा.

31 जुलाई 2019 को चुनाव के समय फड़णवीस सरकार ने एक आदेश निकाला. जिसमें ओबीसी की संख्यानुसार आरक्षण देने का प्रावधान किया. फड़णवीस सरकार पांच साल सत्ता में थी तब उनके हाथ 60 माह का समयावधि थी. ऐसा होकर भी फड़णवीस सरकार ने ना मोदी सरकार द्वारा डाटा मिला ना खुद डाटा जमा किया गया.

आज की स्थिति में भाजपा नेता ओबीसी के लिए रास्ते पर उतरने का नाटक कर रहे हैं, भाजपा के आंदोलन सिर्फ दिखावे के लिए होकर देश के ओबीसी आरक्षण जाने के पीछे मोदी, फड़णवीस तथा संघ नीति ही जिम्मेदार हैं, ऐसा आरोप पूर्व विधायक सानंदा ने लगाया.

भाजपा कार्यालय के सामने कांग्रेस का आंदोलन

शनिवार को आरक्षण के जनक राजश्री छत्रपति शाहू महाराज के जयंती अवसर पर ओबीसी आरक्षण रद्द होने के लिए जिम्मेदार केंद्र की मोदी सरकार का निषेध करने के लिए स्थानीय भाजपा कार्यालय के सामने कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक दिलीप कुमार सानंदा के नेतृत्व में निषेध आंदोलन किया गया.

इस समय खामगांव तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा सदानंद धनोकार, शेगांव तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय काटोले, पूर्व जिप सभापति सुरेश वनारे, पूर्व जिप सदस्य सुरेशसिंह तोमर, बाजार समिति के पूर्व मुख्य प्रशासक पंजाबराव देशमुख, पार्षद किशोरआप्पा भोसले, पार्षद अब्दुल रशीद, पूर्व नगराध्यक्ष सरस्वती खासणे, पंस सदस्य विट‍्ठल सोनटक्के, इनायत उल्ला खां, युकां जिला महासचिव तुषार चंदेल, मंगेश इंगले, एनएसयूआई के शहराध्यक्ष रोहितसिंग राजपूत, सरपंच नीलेश इंगले, सरपंच विनोद मिरगे, विलाससिंग इंगले, निखिल देशमुख, प्रमोद महाजन, अल्पसंख्यक सेल के बबलू पठान, शेख उस्मान, हाफिज, असलम पटेल, सैय्यद बबलू, मनोज वानखड़े, अनंता सातव, प्रशांत टिकार, उत्तम घोपे, अभयसिंग राजपूत, संजयसिंग राजपूत, अनंता धामोड़े, पिंटू जाधव, देवा सावरकर, गुड्डू मिरचीवाला सहित काग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर उपस्थित थे.