चंद्रपुर
Published: Jun 30, 2021 11:01 PM ISTFarmer Guidanceबीजों की बुआई पूर्व करें प्रक्रिया, कीटों से बचाव के साथ 15 प्रश तक बढ़ेगी पैदावार
नागभीड़ . जिले भर में चलाए जा रहे कृषि संजीवनी कार्यकम अंतर्गत तहसील के सावरगांव के किसानों को कृषि विभाग की ओर से मार्गदर्शन किया गया. नागभीड़ तहसील की प्रमुख फसल धान है. तहसील के किसान खोब्रागड़े ने एचएमटी समेत धान की 13 प्रजातियां ईजात की हैं. धान के बीजों को बुआई के पूर्व उन पर प्रक्रिया करने की अपील तहसील कृषि अधिकारी तावसकर ने की है.
धान के बीज बियाड के लिए बुआई के पूर्व 3 प्रतिशत नमक के साथ प्रक्रिया करना चाहिए. इसके लिए 10 लीटर पानी में 300 ग्राम नमक को बाल्टी में घोल दे. इसके बाद बियाड के लिए बुआई किए जाने वाले बीजों को उस नमक के घोल में डाल. बाल्टी में तैरने वाले धान के बीजों को अलग कर कर लें.
दस से पंद्रह प्रतिशत होगी वृद्धि
बाल्टी के तल में रह गए धान के बीजों को निकालकर उन्हें छांव में सुखाये. इन सुखाये हुए बीजों पर प्रक्रिया के बाद बुआई करें इससे करपा रोग से फसल की बचाव होगी और दस से पंद्रह प्रतिशत कर धान की पैदावार में वृद्धि होगी. धान रोपाई के समय पर एक लाइन के बाद एक फुट का पट्टा छोड़े इससे कीटनाशक छिड़काव के समय पर सुविधा होगी.
साथ ही कीटनाशक नीचे तक जाकर कीटों को रोकने में सहायता होगी. सूर्य की किरणें पौधे के निचले हिस्से तक पहुंचने से कीट और रोग फैलने में प्रतिबंध लगेगा. इसके अलावा भी अन्य प्रकार से बीजों पर प्रक्रिया कर फसलों की कीट से बचाव कर पैदावार बढ़ाई जा सकती है, इसलिए प्रक्रिया के बाद ही बीजों के बुआई की अपील तहसील कृषि अधिकारी ने सावरगांव में किसानों से की है. इस अवसर पर परिसर के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे.