चंद्रपुर

Published: Jun 27, 2021 09:30 PM IST

Tiger Panicबाघ के हमले में किसान की मौत, जनवरी से अब तक 23 लोग हुए शिकार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

तलोधी बा.(चिमूर). ब्रम्हपुरी वन विभाग के तलोधी बालापुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत काजलसर बिट के हरनी गांव निवासी श्यामराव डोमाजी नन्नावरे (60) पर बाघ ने हमला कर दिया. जिसमें श्यामराव की मौत हो गई. घटना शनिवार की शाम करीब 6 बजे हुई. घटना के साथ ही जिले में जनवरी से अब तक बाघ के हमले में मरने वालों की कुल संख्या 23 पर पहुंच गई है.

खेत में करने गया था काम

शनिवार को श्यामराव खरीफ मौसम शुरू होने से खेत पर काम करने गया था. किंतु देर शाम तक उसके नहीं लौटने पर उनका पुत्र और दामाद खेत में उसे ढूंढने के लिए गए. तब खेत में उसकी लाश बरामद की गई. इसकी जानकारी तुरंत वन विभाग को दी गई. जानकारी मिलते ही वन विभाग के वन परिक्षेत्र अधिकारी के.आर. ढोंडने, और नेरी के क्षेत्र सहायक पी.एम. खोब्रागड़े, वनरक्षक एच.एन. नागरे, वनरक्षक पेंदाम, कुलमेथे, वनरक्षक मौके पर पहुंच कर मौका पंचनामा किया.

वन विभाग की टीम ने शव का पंचनामा कर शव विच्छेदन के लिए चिमूर उपजिला अस्पताल भेज दिया है. घटना के बाद खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूरों में बाघ की दहशत निर्माण हो गई है. वन विभाग ने परिसर में 3 कैमरे लगा दिए हैं.

बारिश के कारण नहीं दिखे पगमार्क

वन विभाग की ओर से मृतक के परिवार को 20,000 रुपए की तत्काल मदद स्वरूप दी गई. मृतक श्यामराव ननावरे का खेत जंगल से और पास से बहने वाली उमा नदी से सटा हुआ है. जिस वजह से आसपास हमेशा वन्य प्राणियों का आना-जाना लगा रहता है. जांच चिमूर पुलिस तथा तलोधी (बा.) वन परिक्षेत्र के अधिकारी कर रहे हैं. रात में हुई धुआंधार बारिश की वजह से मौके पर किसी जानवर के पगमार्क नहीं मिल पाए हैं. हालांकि वन विभाग ने बताया कि किसान की मौत बाघ के हमले में हुई है.

इसके पूर्व 19 जून को ब्रम्हपुरी वन विभाग के तलोधी वनपरिक्षेत्र के संरक्षित वनक्षेत्र के कक्ष क्र. 691 अंतर्गत गंगासागर हेटी रेंज में मवेशियों को चराने खटू कुमरे (70) पर बाघ ने हमला कर दिया था. जिसमें उसकी मौत हो गई थी.

6 तहसीलें ताड़ोबा से सटीं

जिले की 6 तहसीलें ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प से सटी होने की वजह से कई बार जंगली जानवर गांव और खेत के पास तक आ जाते हैं. इसके अलावा ग्रीष्मकाल के दिनों में जंगल में पानी नहीं होने से पानी की तलाश में भी आ जाते हैं. तेंदूपत्ता, महुआ संकलन का काम भी जिले में होता है, ऐसे में मजदूर बाघ का शिकार हो जाते हैं.

जनवरी से अब तक जिले में कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनमें 4 ताड़ोबा अंधारी रिजर्व रेंज, 1 एफडीसीएम और 18 की मौत अन्य परिसरों में हुई है.