चंद्रपुर

Published: Jul 30, 2023 11:27 PM IST

Lightningजानलेवा आसमानी बिजली से किसान, मजदूरों को अधिक खतरा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर: बरसात के दिनों में आसमानी  बिजली गिरकर मौत होना आम बात हुई है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है यह जानलेवा कुदरत का कहर होने से इसपर कभी कोई बवाल भी नहीं होता. इस आपदा की कहर बचने के कुछ उपाय जरूर होते है जिससे किसान अंजान होते है यही वजह से सबसे ज्यादा नुकसान किसान भुगत रहे है. अभी हाल ही में आकाशीय बिजली के चपेट में आकर 8 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग झुलस गए. 

असल में किसानों को आसमानी बिजली के संकट से कैसे बचा जाये इस पर उपया योजना के लिए गांव गांव जाकर  शासन प्रशासन को जागृति की मुहिम चलानी चाहिये आज कल विज्ञान इतना आगे निकल चुका है की लगभग हर समस्या का तोड निकाल लेती है. लेकिन जिस देश को किसानों की अथक मेहनत से कृषि प्रधान देश की पहचान मिली आज वही किसान सबसे ज्यादा अनेक समस्याओ के भंवर में फंसा हुआ है. आज देश के अनेक किसानों को अपने अधिकार के  कानून की जानकारी ही नहीं.

इस लिये आज किसान अपनी समस्या को अपनी किस्मत समझकर उस समस्या को अपने जीवन का हिस्सा समझकर जी लेते है. लेकिन दिनरात मेहनत कर अनाज उगाने वाले किसान और खेत में मजदूरी करने वाले मजदूर बारिश के मौसम में काम करते करते आसमानी बिजली की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे है. इन किसानों को आसनी बिजली से बचने के शासन, प्रशासन की और से जनजागृति की जाये. तो इस आपदा से थोडा बहुत बचने की संभावना होती है.

 कहा जाता है की आस्मानी बिजली कडकते समय अपने पास के मोबाइल पुरी तरह से बंद करे किसीं भी पेड़, खंभे के नीचे रहने से बचे हो सके तो सूखी जगह पर रहे पैर में जूता, चप्पल पहने रहे किसी पक्की छत का आसरा ले या फिर हो सके तो मौसम का मिजाज देखकर काम छोडकर अपने घर या सुरक्षित जगह पर जाये. क्योंकि जान है तो जहान है. काम दूसरे दिन भी किया जा सकता है किसी किसान के घर का दीपक बुझता है तो पुरे परिवार पर इसका असर जीवन भर पडता है.

वरोरा तहसील में दिन ब दिन किसानों को अनेक आपदाओ से गुजरना पड रहा है कभी बाघ, जंगली सुअर,अन्य जंगली जनवरों से भी किसान परेशान तो कभी अतिवृष्टि, अल्पवृष्टि, बाढ जैसे आपदा से सबसे ज्यादा किसान ही नुकसान उठाते है और नाम मात्र मुआवजे से समाधान मान लेते है. अब तहसील के लोगों की मांग है की किस आपदा को किस तरह से निपटना चाहिये उस उपाय योजनाओं की प्रशासन की तरफ से हर गावं में कार्य शाला लगाकर सभी लोगों को जागृत किया जाये ताकी जान, माल का नुकसान न हो.