चंद्रपुर

Published: Oct 01, 2022 10:50 PM IST

Flood Affected अब भी अधर में बाढ़ प्रभावित, किसानों को नहीं मिली सरकारी मदद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागभीड़. तहसील में इस वर्ष अतिवृष्टि, नालों के किनारों की खेती बाढ़ के पानी में चले जाने से अनेक किसानों का काफी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. महाराष्ट्र शासन अतिवृष्टि का प्रमाण ध्यान में रखकर तत्काल बाढ़ प्रभावित खेती का सर्वे कर पंचनामा करें और तत्काल बाधित किसानों की सूची सरकार को भेजे ऐसे निर्देश देकर प्रति हेक्टेयर 15,000 रुपए की मदद घोषित की गई. लेकिन अब भी हालत यह है कि बाढ़ प्रभावितों को यह सरकारी मदद नहीं मिल पाई है. जिसके कारण किसान काफी परेशान है.

कई खेतों का नहीं किया पंचनामा

किसानों ने आरोप लगाया कि तहसील के देवटेक, चिकमारा के पटवारी ने देवटेक, चिकमारा के किसी भी खेती का पंचनाम नहीं किया. न ही किसानों को शासकीय मदद की सूचना नोटिस बोर्ड पर लगाई. गांव में दवंडी के माध्यम से भी सूचना नहीं दी गई. इसके चलते उक्त गांव के किसान शासन निर्णय से पूरी तरह से अनजान थे. पटवारी ने अपनी मर्जी के किसानों की बोगस सूची बनाकर शासन को भेज दी. सूची में केवल 2 से 3 किसान ही बाढ़ प्रभावित दर्शाए गए.

तहसीलदार से की मुलाकात

इसकी जानकारी गांव के किसानों को मिलते ही उन्होंने इस संबंध में शिवसेना उपतहसील प्रमुख मनोज लडके से मुलाकात की. लडके ने चिकमारा एवं देवटेक के बाढ़ प्रभावित किसानों की नई सूची बनाई. यह सूची और सम्पूर्ण बाढ़ प्रभावितों को लेकर तहसीलदार चव्हाण से भेंट की. उन्हें किसानों के साथ हुए अन्याय की जानकारी.

उक्त गांव का एक भी बाढ़ प्रभावित किसान शासन की मदद से वंचित न रहे इसका ध्यान रखने की मांग की. साथ ही पटवारी की जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई. इस समय प्रकाश मोरांडे, सोपान आटमांडे, सचिन नवघडे, विश्वनाथ भोयर, तुलसीदास बोरकुटे, मनोहर मोरांडे, विलास गोंगल, भुरा नवघडे, गणेश आटमांडे एवं देवटेक, चिकमारा के किसान उपस्थित थे.