चंद्रपुर

Published: Jun 04, 2020 10:13 PM IST

अविष्कारस्वास्थ्य, पर्यावरण रक्षा व पैसों की बचत, युवक ने बनाई बैटरी पर चलने वाली साइकिल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भद्रावती. लॉकडाउन ने कई लोगों को आर्थिक रूप से तोड़ दिया है. कई लोगों के रोजगार चले गए हैं. ऐसे में रोजाना बढ़ रही महंगाई ने उन्हें हैरान-परेशान कर दिया है. इस बीच, शहर के एक 37 वर्षीय युवक ने ऐसा अविष्कार किया है, जिससे न सिर्फ लोगों के पैसों की बचत होगी, बल्कि स्वास्थ्य व पर्यावरण की भी रक्षा होगी. उसने साइकिल पर इंजन लगाकर बिना पेट्रोल के अर्थात बैटरी पर चलने वाली साइकिल तैयार की है. साइकिल 4 घंटे की चार्जिंक के पश्चात 30 किमी की दूरी तय करती है. फिलहाल शहर में यह साइकिल सभी के आकर्षण का केंद्र बनी है.

यूट्यूब को बनाया गुरु
शहर के गुरुनगर वार्ड निवासी नितिन डोंगरे आर्डिनंस फैक्टरी के डीबीडब्ल्यू पद पर कार्यरत है. 10वीं की शिक्षा के पश्चात राजुरा के शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था से फीटर का प्रशिक्षण लेने बाद नितिन आयुध निर्माणी में नियुक्त हुआ. नितिन आने-जाने के लिए दुपहिया का उपयोग करता है. इस बीच, मोबाइल के जरिए यूट्यूब पर बैटरी से चलने वाली साइकिल बनाने के उसने कुछ वीडियो देखे. नितिन ने चंदागढ़ से साइकिल ऑनलाइन मंगवाई. उस पर एक 48 वोल्ट पावर की मोटर लगाई. उसे ऊर्जा देने के लिए 48 वोल्ट की बैटरी फिट की. सामने हैंडल को एक्सलेटर का कनेक्शन दिया गया. बटन से सेल्फ स्टार्ट करते ही साइकिल स्कूटी मोपेड की तरह दौड़ने लगती है.

नौकरी पर आने-जाने करता है उपयोग
इस साइकिल से नितिन आयुध निर्माणी से घर ऐसा रोजाना कुल 14 किमी का सफर तय करता है. बैटरी को 4 घंटे चार्ज करने के पश्चात 30 किमी का सफर यह साइकिल आसानी से तय करती है. नितिन ने ऐसा प्रयोग दुपहिया वाहन पर करना चाहा, परंतु बैटरी डिस्चार्ज होने पर वाहन को धक्का मारने की दिक्कत को देखते हुए साइकिल पर उसने प्रयोग किया. बैटरी पर चलने वाली साइकिल के माध्यम से नितिन की महीने के 1,500 रुपये पेट्रोल की बचत हो रही है. बीच-बीच में साइकिल चलाने से उसका व्यायाम भी हो जाता है. उसने बताया कि साइकिल बनाने के लिए उसे कुल 40 से 42 हजार रुपये का खर्च आया. उसे उसके पिता विट्ठल डोंगरे व यशवंत तड़से ने सहयोग मिला.