चंद्रपुर
Published: Jul 08, 2020 11:34 PM ISTसिंचाई विभागबरसात में आलेवाही के काशीतालाब के फूटने का खतरा
- 2000 एकड की खेती पर आ सकता का संकट
तलोधी बा. आलेवाही के मालगुजारी काशीतालाब के एक जगह पर पिछले दो वर्षो से बडा छेद होने से तालाब का पानी व्यर्थ बह जाता है. किसानों ने इसकी सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी. किंतु आज तक सिंचाई विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अधिक बरसात से तालाब फूटने से 4 गांव के किसानों की फसलों का भारी नुकसान हो सकता है.
नागभीड तहसील के अंतिम छोर पर बसे आलेवाही में मालगुजारी काशीतालाब है. इस तालाब से 2 हजार एकड भूमि की सिंचाई होती है. पिछले दो वर्षो से गेट क्रं. 2 के पास बडा छेद होने से तालाब का पानी व्यर्थ बहता रहता है. कई मर्तबा इसकी सूचना देने के बावजूद आज तक कोई उपाय नहीं किया गया. यह तालाब घोडाझरी उपविभाग सिंचाई शाखा सिंदेवाही अंतर्गत आता है. विभाग की अनदेखी के खिलाफ किसानों में रोष फैल रहा है. क्योंकि तालाब में जमा पानी व्यर्थ बह जाता है.
दो दिनों पूर्व जोरदार बरसात हुई थी और छेद के उपर तक पानी भर गया था. गेट होने के बावजूद इस छेद से पानी बह जाता है. यदि तालाब में पानी अधिक भर गया तो इस छेद के बडा होकर फूटने की अशंका है. यदि तालाब फूट गया तो पानी तो व्यर्थ बह जाएगा. किंतु किसानों की फसलों का भारी नुकसान होगा. किसानों की बुआई की फसल डूबने का डर है. परिसर का काशीतालाब एकमात्र बडा तालाब है. इसमें मछली पालन का व्यवसाय किया जाता है. इस तालाब पर मछली पालन करने वाला समाज निर्भर है. यदि तालाब का नुकसान होता है इसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन की होगी. इसलिए इसकी तुरंत दखल लेने की मांग की है.
आलेवाही के पूर्व सरपंच और किसान मुश्ताक अहमद खान ने कहा कि वाढोणा, आलेवाही, जीवनापुर, आवलगांव और परिसर के किसानों के लिए काशीतालाब वरदान है. क्योंकि इन गांव की फसलों की सिंचाई इसी तालाब के पानी होती है. नागभीड तहसील में घोडाझरी के बाद यह दूसरा और एकमात्र तालाब है. इसी पर मछली का कारोबार करने वाले समाज की जीविका निर्भर है. इसलिए शासन से गंभीरता से दखल लेने की मांग की है.