चंद्रपुर

Published: Jul 04, 2020 09:20 PM IST

चंद्रपुरलॉकडाऊन से नववधूओं का मायका छूटा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ब्रम्हपुरी. भारत विभिन्न सभ्यता और संस्कृति वाला देश है, यहां विभिन्न धर्मों और जातियां द्वारा विभिन्न तरह की रस्में और परंपरा का निर्वाह किया जाता है. परंतु जब से कोरोना संक्रमण छाया हुआ है तब से धार्मिक रीति रिवाज, विवाह पध्दति, धर्म कर्म आदि परंपराओं में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है इसी बड़ी में गुरूपोर्णिमा पर पगफेरे के लिए मायके जानेवाले नववधूओं के समक्ष प्रश्न निर्माण हो गया है. 22 मार्च से लॉकडाऊन लगने के बाद से सम्पूर्ण जीवनशैली की परिवर्तित हो गई है.

विशेषकर गर्मियों में स्कूलों को छुट्टियां लगने से अधिकांश महिलाएं अपने संतान को लेकर मायके चली जाती है. एक परंपरा से बनी हुई है. परंतु इस बार लॉकडाऊन के चलते छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं को अपने घरों में कैद होकर रहना पड़ा. अपने प्रियजनों से अब केवल मोबाईल फोन पर ही कुशलक्षेम पूछ कर समाधान करना पड़ रहा है. 

लॉकडाऊन का सबसे बड़ा असर नवविवाहित लड़कियों पर हुआ है. लॉकडाऊन के कारण वाहन बंदी एवं जिला बंदी होने से नवविवाहताओं को मायके से दूर रहने को लिए विवश होना पड़रहा है. सभी इसी प्रतीक्षा में थी कि आज नहीं कल लॉकडाऊन उठ जाएगा परंतु जैसे जैसे कोरोना मरीजों की संख्या बढ रही है लॉकडाऊन भी कड़ा होता जा रहा है.

नववधूओं को गुरूपूर्णिमा अर्थात आखाडी में ससुराल में नहीं रहने की परंपरा है. परंतु इस वर्ष ब्रम्हपुरी में लगातार कोरोना के मरीजों के मिलने से लॉकडाऊन बढता जारहा है. ब्रम्हपुरी में पहले तीन दिन का सख्ती का लॉकडाऊन किया गया था अब इस बढाकर 14 जुलाई कर दिया गया है. अन्य जिला तो दूर तहसील के एक गांव से दूसरे गांव पहुंचने में अब उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है पहली बार नववधूओं को अपने ससुराल में ही आखाडी में रहना पड़ेगा.