चंद्रपुर

Published: Jan 27, 2023 11:26 PM IST

Devendra Fadnavisवृध्दाश्रम की आवश्यकता, समाज स्वास्थ्य हेतु अनुपयुक्त; उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का प्रतिपादन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. हम बूढ़े लोगों को बुजुर्ग कहते हैं. इन बुजुर्गों से न केवल परिवार बल्कि समाज का भी भला होता है. इन बुजुर्गों की सेवा करना हमारी परंपरा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति है. लेकिन हाल ही में तस्वीर बदल रही है. बुजुर्गों की देखभाल के लिए वृद्धाश्रम की जरूरत पड रही है. यह स्थिति समाज के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है. जिन्हे आवश्यकता है उनके लिए ऐसी संस्था निर्माण करनी पडेगी ऐसा प्रतिपादन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मातोश्री वृद्धाश्रम के रजत जयंती समारोह के उद्घाटन भाषण के किया. 

इस अवसर पर मंच की अध्यक्षता भारतीय समाज सेवा की अध्यक्ष शोभा  फडणवीस ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विधायक चंद्रशेखर बावनकुले, स्वागत अध्यक्ष विधायक किशोर जोरगेवार, भाजपा के वरिष्ठ नेता चंदनसिंह चंदेल, अजय जयस्वाल, विधायक सुभाष धोटे, विधायक कीर्ति कुमार भांगड़िया, वसंतराव थोटे, डॉ. शरद सालफले, डॉ. रजनी हजारे, सरपंच वर्षा कुलमेथे, बलराम डोडानी मौजूद रहे. 

मंत्री फडणवीस ने कहा, मातोश्री वृद्धाश्रम के रजत जयंती समारोह में शामिल होना बहुत खुशी की बात है. यहां के प्रक्रियाओं और पर्यावरण को समझें. यह सिर्फ वृद्धाश्रम नहीं बल्कि मातोश्री वृद्धाश्रम का परिवार बना है.  शोभाताई का नेतृत्व संघर्ष के माध्यम से खड़ा रहा है. शोभाताई ने एक परिवार की तरह समाज की सेवा की है. 80 साल की उम्र पूरी करने के बाद भी शोभाताई में अभी भी ऊर्जा और जोश है. उन्होंने इस बात की तारीफ की कि उनकी काम करने की एनर्जी इस प्रोजेक्ट के जरिए देखी जा सकती है. 

जिनके पास कोई सहारा नहीं है उन्हें वृद्धाश्रम जैसी गतिविधियों से सहारा मिलता है. बिना अनुदान के 25 साल तक संस्था चलाना मुश्किल है.  लेकिन शोभाताई ने अपने सेवा भाव से इस संस्था को लगातार चलाया है.  समाज के कई समाजसेवियों ने इस वृद्धाश्रम की मदद की है. वृद्धाश्रम इस भावना के साथ चल रहा है कि हम समाज के लिए कुछ कर्ज़दार हैं. 

समाज को वापस देना भारतीय संस्कृति में एक अच्छा अभ्यास माना जाता है, इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह इस वृद्धाश्रम के लिए सीएसआर फंड से 50 लाख रुपये दिलाने का प्रयास करेंगे. इस मौके पर रमेश बागला परिवार, कैफे मद्रास मित्र मंडल, अरुण लाखानी, पांडुरंग आंबटकर, पंकज सपाटे, डॉ. अशोक जीवतोड़े, राकेश जैन, महेंद्र येलेवार, राजेंद्र काबरा, नितिन पुगलिया, परमजीत सिंह, प्रशांत बैस, विक्रम शर्मा, हर्षद ठाकुर, रामसंजीवन परमार, सतपाल जैन, हर्षवर्धन सिंघवी, घनश्याम मानकर, आशीष झा, दीपक जैन और पुष्पा पेटकर सहित गणमान्य व्यक्ति का अतिथियों के हाथों सत्कार किया गया. संचालन डॉ. राजश्री मार्कण्डेवार, प्रास्ताविक शोभा  फडणवीस ने किया. आभार अजय जयस्वाल ने माना. इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. 

वृद्धाश्रम में सुरक्षा दीवार बनेगी

प्रास्ताविक में मातोश्री वृद्धाश्रम की निदेशक शोभाताई फडणवीस ने वृद्धाश्रम को जंगली जानवरों से खतरा होने पर सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की. इस मांग की पुष्टि करते हुए पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सुरक्षा दीवार बनाने की घोषणा की. उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यह दीवार इस पर चित्र और संदेश बनाकर ज्ञानवर्धक बनेगी. माता-पिता की सेवा हमारी संस्कृति है. इस परंपरा की शुरुआत भगवान गणेश ने की थी. उन्होंने उल्लेख किया कि यह एक त्रासदी है कि एक ऐसे देश में एक वृद्धाश्रम स्थापित किया जाना है जहां माता-पिता महत्वपूर्ण हैं. इस अवसर पर मातोश्री वृद्धाश्रम की 25 वर्ष की उपलब्धियों का विवरण देने वाली ‘उत्तरार्ध’ स्मारिका का विमोचन किया गया.