चंद्रपुर

Published: Oct 09, 2021 10:31 PM IST

Development Programचंद्रपुर का उद्देश्य, चंद्रपुर के विकास कार्यक्रम में नागरिकों द्वारा की गई शिकायतें, समाधान और सुझाव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. चंद्रपुर शहर का इतिहास 500 साल पुराना है. इसके बावजूद  यह ऐतिहासिक शहर आज भी अविकसित है. इसलिए चंद्रपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने चंद्रपुर का उद्देश्य और चंद्रपुर का विकास विषय पर एक चर्चासत्र का आयोजन किया गया. चर्चासत्र में नागरिकों ने विभिन्न सुझावों और उपायों से चंद्रपुर शहर के विकास का फैसला किया.

चंद्रपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष रितेश (रामू) तिवारी ने शनिवार को यहां जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक सभागृह में कार्यक्रम आयोजित किया. सांसद बालू धनोरकर ने कहा कि किसी भी सभागृह में प्रवेश करने वाले के व्यक्ति के पास विकास का विजन होना चाहिए. समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास की अपील करते हुए कहा कि आज पानी की कमी की समस्या है इसे हल करने के लिए नागरिकों को पानी का भूगर्भ में पुर्नभरण करना होगा. 

पर्यावरणविद प्रा. सुरेश चोपने ने कहा कि यह एक त्रासदी है कि इस शहर में पानी की योजना नहीं बना सके. उन्होंने शहर में यातायात की समस्याओं, साइकिल के उपयोग पर जोर, मिनी बस सेवा, किलों के चारों ओर रिंग रोड, विभिन्न स्थानों पर बाजार की सुविधा, वृक्षारोपण, जल नियोजन, भूमिगत बिजली लाइनें, वास्तुशिल्प संग्रहालयों की आवश्यकत पर जोर देते हुए  शहर के ऐतिहासिक और विरासत के विद्रपीकरण का उल्लेख करते हुए उसके उपाय योजना सुझाये.

प्रा. योगेश दूधपचारे के अनुसार शुद्ध जल ही शहर का इतिहास है. हालांकि आज यहां पानी की समस्या गंभीर हो गई है. शहर के बचे एकमात्र रामाला तालाब के संरक्षण हो, अतिक्रमण हटना चाहिए. क्योंकि शहर के पांच में से महज 1 तालाब बचा है.  तापमान बढ़ रहा है।

एक समाधान खोजो. सोलर को प्राथमिकता देकर साइकिल सिटी बनाने की पहल की जाएगी. बंडू धोत्रे ने कांग्रेस के पहल की तारीफ की, मकसूद शेख ने वडगांव में श्मशान भूमि, जूबली हाईस्कूल मैदान में स्टेडियम की आवश्यकता पर जोर दिया.

भाविक येरगुडे, विजय खांके, शैलेश जुमड़े, मनोहर रामटेके, प्रमोद बोरिकर, दामोदर सारदा, वनश्री मेश्राम, राकेश मार्कंडेवार, अजय दुबे, मकसूद खान, सुनीता अग्रवाल, अलका मोतघरे, निमेश मानकर ने इरई नदी पर बांध, रामू तिवारी ने श्मशान भूमि की समस्या, निकलने वाले कचरे की समस्या, खुले मैदान पर अध्ययन केंद्र का निर्माण, किलों का संरक्षण, आवारा पशुओं की समस्या, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की सुविधा, आईटी पार्क की स्थापना और नए विचारों का परिचय दिया गया. संचालन मनीष तिवारी ने किया और आभार प्रदर्शन कुणाल चाहरे ने किया.