चंद्रपुर

Published: Jul 13, 2021 10:36 PM IST

Rising Priceपेट्रोलियम मूल्यवृद्धि ने तोड़ी गरीबों की कमर, जीवन जीना हुआ मुश्किल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ब्रम्हपुरी. किसी भी इंसान की मूलभूत आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान और स्वास्थ्य है. आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में इन सभी बातों की पूर्ति करने के लिए कितने पापड़ लोगों को बेलने पड़ते हैं. यह लोग ही जानते है. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से काम पर जाना कठिन हो गया है. जीने के लिए भोजन चाहिए परंतु खाना बनाने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला गैस सिलेंडर दिनोंदिन महंगा होने से सर्वसामान्य नागरिकों पर बड़े पैमाने पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. आर्थिक तनाव के कारण मानसिक तनाव निर्माण होने से जीना कठिन हो गया है.

पिछली सरकार के कार्यकाल में थोड़ी बहुत महंगाई बढ़ी थी लोग रास्ते पर उतर कर आंदोलन करने पर मजबूर हो गए थे. इन सभी परेशानियों से मुक्ति के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने से पूर्व सर्वसामान्य लोगों को बड़े बड़े आश्वासन दिए. अच्छे दिन आएंगे इस अपेक्षा से लोगों ने उनके हाथों में सत्ता दी, परंतु दिए गए आश्वासन, इसमें से प्रमुखता से सभी को घर, पेट्रोल, डीजल और गैस के भाव में कमी होगी ऐसी घोषणा की परंतु जो स्थिति है इससे भिन्न है. प्रधानमंत्री बनने से पूर्व दी गई घोषणाएं गलत थी या लोगों के सुनने में कुछ आया है ऐसी स्थिति है.

दिनोंदिन बढ़ती जा रही पेट्रोल-डीजल एवं गैस सिलेंडर की कीमतों ने गरीब जनता की कमर तोड़कर रख दी है. उनके लिए जीवन जीना कठिन हो गया है. क्या यही अच्छे दिन थे यह सवाल आज जनता कर रही है. पार्टी कोई भी हो चुनाव के पूर्व बड़े-बड़े आश्वासन दिए जाते है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया जाता है सत्ता पर आने के बाद उनका सामान्य जनता से कोई लेना देना नहीं रहता है. केवल अपना और पार्टी का हित ही उनका एकमात्र उद्देश्य रह जाता है. सभी राजनीतिक एक समान ही होते हैं. 

महंगाई को नियंत्रित करे सरकार

जिस रूप में महंगाई बढ़ रही है उसे देखते हुए सामान्य जनता को इस संकट से उबरने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. उनके लिए मानसिक बोझ निर्माण हो गया है. कोरोना के बीच लोगों की जीवनशक्ति कम होती जा रही है. विभिन्न बीमारियों ने लोगों को घेर लिया है. इससे मुक्ति सरकार ही दिला सकती है. सामान्य जनता को इस संकट से बाहर निकालकर उनके जीवनस्तर में सुधार लाने की आवश्यकता है. महंगाई को नियंत्रित्त करना जरूरी है. जनता एक ही मांग कर रही है सरकार किसी भी तरह से महंगाई को नियंत्रण में लाये.